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अनदेखी से खेल मैदानों की हो रही दुर्दशा

संवाद सहयोगी, नांगल चौधरी: एक ओर जहां सरकार खिलाडि़यों एवं खेल मैदानों पर करोड़ों रुपये व्यय कर रह

By Edited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 06:39 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 06:39 PM (IST)
अनदेखी से खेल मैदानों की हो रही दुर्दशा

संवाद सहयोगी, नांगल चौधरी: एक ओर जहां सरकार खिलाडि़यों एवं खेल मैदानों पर करोड़ों रुपये व्यय कर रही है। वही विद्यालय एवं कालेज के खेल मैदान दुर्दशा का शिकार हो रहे है।

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कस्बे के आधा दर्जन से अधिक सरकारी प्राथमिक व उच्च विद्यालयों के खेल मैदानों की हालत खराब बनी हुई है। इन विद्यालयों के खेल मैदानों की समुचित देखभाल नहीं होने से इनमें कंकर पत्थर फैले रहे है। वही बारिश के दिनों में कांग्रेस घास एवं कंटीली झाडिय़ां उच्च जाने से इन मैदानों में खेलना असंभव है। कई विद्यालयों में तो खेल मैदानों के लिए कोई अलग से स्थान ¨चहित नहीं किया हुआ है। कस्बे के किसी भी विद्यालय व गर्ल सेकेंडरी स्कूल की लड़कियों के खेलने के लिए अलग से मैदान नहीं है, वही कन्या माध्यमिक विद्यालय अमरपुरा में भी अलग मैदान नहीं होने से स्कूल कैंपस में ही खेलना पड़ता है। वही धौलेड़ा में बना खेल स्टेडियम मरम्मत के अभाव में आंसू बहा रहा है। निर्माण के बाद से सरकार ने इसकी सुध लेना ही भूल गई। नतीजन लाखों रुपये से बना स्टेडियम में बना भवन जर्जर हो गिरने के कगार पर पहुंच गया।

खेलने में परेशानी- कस्बे के विद्यालयों में खेल मैदानों के अभाव में विद्यार्थियों को खेलने में परेशानी आती है। शारीरिक शिक्षकों का कहना है कि बिना खेल के बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास प्रभावित होता है। ऐसे विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने खेल मैदानों की दुर्दशा के बारे में कई बार जिला शिक्षा अधिकारी को अवगत कराया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

इन खेलों के लिए नही- कस्बे के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में टेनिस एवं बास्केट बाल के कोर्ट नहीं होने से विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है। इनमें अध्ययनरत विद्यार्थियों को खेल मैदान नहीं होने से मजबूरी में खेल की प्रेक्टिस करने के लिए दूसरे मैदानों या फिर कालेज के पास स्थित मैदान में जाना मजबूरी बना हुआ है। विद्यालयों के पास खेल मैदान नही होने से विद्यार्थियों की खेल प्रेक्टिस नहीं हो पाती है।

करवाएंगे सुधार- खंड के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी विद्यालयों के खेल मैदानों की सफाई करवाई जाएगी। इस बाबत सभी स्कूल मुखिया को आवश्यक दिशा निर्देश देंगे। हम इसके विकास के लिए भी प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार से बजट की मांग करेंगे।

-सूरजभान यादव खंड शिक्षा अधिकारी नांगल चौधरी।

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