दो साल बाद भी नहीं हुई धर्मनगरी स्वच्छ
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ठीक पांच दिन बाद स्वच्छ भारत अभियान को शुरु हुए दो साल पूरे ह
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ठीक पांच दिन बाद स्वच्छ भारत अभियान को शुरु हुए दो साल पूरे हो जाएंगे। नेताजी फिर हाथ में झाड़ू थामे नजर आएंगे और शहर को साफ सुथरा बनाने के दावे और वादे किए जाएंगे। दैनिक जागरण टीम ने अभियान से पांच दिनों पहले शहर के हालात का जायजा लिया गया तो असल दावे और वादे हवा होते नजर आए। दो वर्ष पहले जहां से नेताओं ने इस अभियान को शुरु करके स्वच्छ शहर बनाने की शपथ दिलाई और खाई थी वहां आज भी गंदगी पसरी हुई है। यानी तड़क-भड़क और शोरशराबे से शुरु होने वाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को स्वच्छ बनाने का सपना जिले में धूमिल होता नजर आ रहा है।
सांसद, विधायक, भाजपा नेता और जिला के प्रशासनिक अधिकारी सभी दो अक्टूबर से एक दिन पूर्व स्वच्छ भारत अभियान में अपने आपको चमकाने में मशगूल हो जाएंगे। हाथ में झाड़ू और फावड़ा पकड़े हुए गंदगी उठाते हुए धड़ाधड़ फोटो ¨खचवाई जाएंगी। सरकारी कार्यक्रम आयोजित होंगे। अधिकारियों को फिर से अपने कार्यालय साफ करने के निर्देश जारी किए जाएंगे और शपथ लेने और दिलाने का सिलसिला चलेगा। मगर इस सबका क्या फायदा, कुछ दिन चलने के बाद न तो नेताओं को अपने वादे याद रहते और न ही अधिकारियों को उनके दावे। शहर में चारों ओर वही गंदगी का आलम बन जाता है। दैनिक जागरण ने जब मंगलवार को इस अभियान के आयोजन से पांच दिन पहले शहर के उन स्थलों का मुआयना किया जहां से नेताओं व अधिकारियों ने शहर को स्वच्छ बनाने के दावे किए थे और स्वयं भी गंदगी में उतरकर सफाई की थी। वहां की तस्वीर काफी गंदी नजर आई। यहां फिर गंदगी के ढेर लगे हैं। इसके साथ-साथ शहर के पॉश माने जाने वाले और भीड़भाड़ वाले इलाकों का भी जायजा लिया गया तो गंदगी चहुंओर पसरी नजर आई। स्वच्छता अभियान मानो फोटो ¨खचवाने तक सीमित होकर रह गया है। बीच-बीच में सत्ता पक्ष नेता स्वच्छता अभियान का आयोजन कर स्वच्छ कुरुक्षेत्र के दावे करते नजर आते रहते हैं ¨कतु वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट है। हालांकि कई जगह फर्क पड़ा है, लेकिन केवल इतना की गंदगी को उस स्थान पर डालने की बजाय कुछ ही दूरी पर गंदगी के टीले लगा दिए गए है। यहां तक कि जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के अपने आसपास तक गंदगी के ढेर लगे हैं। लघु सचिवालय के निकट उपायुक्त कॉलोनी में अधिकारियों के घर के बाहर गंदगी के ढेर लगे हैं। ऐसे में जब अधिकारियों की अपनी दहलीज साफ नहीं तो शहर के हालात कैसे सुधर सकते हैं।
आज भी लोग गंदगी की जद में
दो अक्टूबर 2014 से पूर्व महाराणा प्रताप चौक के समीप स्थित रेलवे फाटक के नजदीक खाली पड़ा स्थान गंदगी का साम्राज्य बना हुआ था, लेकिन स्वच्छ भारत अभियान शुरु होने पर स्थानीय विधायक ने यहां से गंदगी का उठान कराकर राहगीरों की बड़ी समस्या को खत्म कर दिया। मगर आज उसी स्थान से महज दस कदमों की दूरी पर वही हालात है जो दो वर्ष पूर्व उस जगह के थे जहां से विधायक ने गंदगी का उठान कराया था। शहर में आने व जाने वाले लोग आज फिर उसी तीव्र दुर्गंध और मच्छर मक्खी से बीमारियों की जद में आ रहे हैं। साथ ही बाजार है जहां खुले में खाद्य पदार्थो की बिक्री होती है और गंदगी से उठने वाले मच्छर मक्खी लोगों को बीमारियों की गर्त में भेज रहे हैं। जहां से विधायक ने स्वच्छता अभियान चलाया था वहां कुछ असर तो हुआ, लेकिन उससे चंद कदमों की दूरी पर वही हालात बन गए। सांसद ने भी रेलवे रोड से लेकर जिले में कई जगह झाड़ू लगाकर स्वच्छता मुहिम चलाई थी, लेकिन वहां के हालात भी आज ऐसे ही हैं। इसके अलावा भाजपा जिला अध्यक्ष से लेकर तमाम बड़े पदाधिकारी जो झाड़ू उठाकर दिखते थे आज कहीं नजर नहीं आते हैं।
यहां पसरी है गंदगी
नरकातारी रोड, सलारपुर रोड, झांसा रोड, रेलवे रोड, गुलजारी लाल नंदा मार्ग, सेक्टर-3, 2, 4, 5, 7, 13, 17, बीबीएमबी रोड, सौ फुटा रोड, अमीन रोड, चक्रवर्ती मोहल्ला, राजेंद्र नगर, पटेल नगर, न्यू कॉलोनी, श्याम कॉलोनी, सुभाष मंडी, ज्योतिनगर, वशिष्ठ कॉलोनी, शांतिनगर, लक्ष्मण कॉलोनी, विष्णु कॉलोनी, सपड़ा कॉलोनी, लायलपुर बस्ती, झांसा रोड स्थित रोटरी चौक, गांधी नगर, मॉडल टाउन, सरस्वती कॉलोनी, कैलाश नगर, चनारथल रोड इत्यादि क्षेत्रों में गंदगी पसरी हुई है।
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ढूंढने से भी नहीं मिला कूड़ादान
दीपक शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार धर्मनगरी को विश्व पटल पर ले जाने के दावे कर रही है। इस लिहाज से ब्रह्मसरोवर, सन्निहित सरोवर व तमाम पर्यटन स्थानों पर स्वच्छता के पुख्ता प्रबंध होने चाहिए, लेकिन यहां हालात कुछ ऐसे हैं कि ढूंढने पर भी कूड़ा डालने के लिए कूड़ादान नहीं मिलता और जो न चाहते हुए भी पर्यटकों को कूड़ा यहां तहां फेकना पड़ता है। मंदिरों के सामने खुले में कूड़ा बिखरा देख न केवल यहां आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंच रही है, बल्कि पर्यटकों का भी यहां से मोह भंग हो रहा है।
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विपक्ष ने भी सराहा था, लेकिन अब ढोंग
इनेलो प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने इस अभियान को महज ढोंग बताया। उन्होंने कहा कि सरकार चुनावी वायदे पूरे करने की बजाय लोगों का ध्यान मुद्दों से भटकाने के लिए ये सारे प्रपंच रच रही है। सरकार के पास सफाई कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं है और देश व प्रदेश को स्वच्छता बनाने के लिए विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। थानेसर नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों को दो-दो माह बाद वेतन दिया जाता है। यह अभियान महज फोटो सेशन तक सीमित रह गया है। प्रदेश के कई जिलों में कूड़ा निस्तारण के प्लांट ही नहीं ऐसे में स्वच्छता कैसे संभव है। गंदगी को एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर फेंक दिया जाता है।
फोटो संख्या : 22
आप का सेल्फी विद कूड़ा
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सेक्टर-13 से शहर में सेल्फी विद कूड़ा अभियान की शुरुआत की। पार्टी के सदस्यों ने कूड़े के साथ सेल्फी करके उसे फेसबुक व सोशल साइटस पर लगाकर सरकार के खिलाफ स्वच्छता के प्रति उदासीन बताया। आम आदमी पार्टी के लोकसभा प्रभारी विशाल खुब्बड़ ने बताया की गांधी जंयती के निकट आते ही हरियाणा में स्वच्छता की बात शुरू हो जाती है, जो केवल दिखावा मात्र है। पूरे वर्ष सरकार व प्रशासन स्वच्छता के प्रति उदासीन बनी रहती है और गांधी जंयती के समय इन्हें स्वच्छता अभियान चलाने की याद आ जाती है। स्वच्छता के नाम पर करोड़ों रुपये का स्वच्छता सेस लेने वाली हरियाणा सरकार पूरे वर्ष इस अभियान में कहीं दिखाई नहीं देती। आम आदमी पार्टी हरियाणा के कार्यकर्ता अभियान के दौरान कूड़े डालने वाले स्थानों पर तख्तियां लगाएंगे, जिनपर सरकार को जगाने के लिए स्लोगन लिखे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी प्रदेश की सरकार को स्वच्छता मिशन के लिये नगर निकायों और पालिकाओं के लिये 3549.11 करोड़ों रुपये आवंटित किये गये हैं, जोकि पिछले वर्ष से 760 करोड़ ज्यादा है, जबकि पंचायती विभाग को 2824.47 करोड़ रुपये की एक बडी धनराशि हरियाणा की पंचायतों के लिये रखी गई है। जिसमें मुख्य रूप से स्वच्छ भारत अभियान के लिये एक बडी राशि आंवटित की गई थी। इतनी राशि मिलने के बाद भी कहीं भी साफ सफाई नहीं दिखाई देती और लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। आब्जर्वर सुखवीर चहल ने बताया कि पार्टी इन सभी मुददों को अपने अभियान के दौरान उठायेगी और यह अभियान 27 सितंबर से शुरु होगा जो दो अक्तूबर तक चलेगा। दो अक्तूबर को पार्टी द्वारा सफाई अभियान चलाया जाएगा। इस अवसर पर थानेसर हल्का प्रभारी ओम ¨सह, शाहाबाद हल्का प्रधन बलराम ढींढसा, पिहोवा हल्का प्रधान रमेश गर्ग, मेवा राम आर्य, दीपक प्रभाकर, नसीब ¨सह, प्रेमनाथ जांगडा, सुमित ¨हमाशु गर्ग, पर¨मदर नागरा, अमरीक ¨सह, हरबंस लाल, जयभगवान चिब्बा, सुमित गर्ग, विजय ¨सह, करनैल ¨सह, देवेन्द्र मलिक, कृष्ण मराठा आदि मुख्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
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कालोनी से गुजरता गंदा कच्चा नाला
नरकातारी रोड पर वार्ड 30 वासी मनीश गौड़ के अनुसार कहने को तो वे कॉलोनी में रहते हैं, लेकिन यहां के हालात किसी पिछड़े क्षेत्र से भी गए गुजरे हैं। कॉलोनी के बीचोंबीच से गंदा कच्चा नाला गुजर रहा है, जो न केवल गंदगी का कारण बन रहा है, बल्कि इसके कारण कॉलोनी में रहने वाले लोग बीमारियों की चपेट में है। वर्षा के दिनों में यह नाला ओवर फ्लो हो जाता है और नाले का गंदा पानी कॉलोनी में लोगों के घरों में घुस जाता है। पक्का न होने के कारण नाले से लगते मकानों में दरारें आ चुकी है। मनीष ने बताया कि वे इस समस्या को लेकर नेताओं से लेकर अधिकारियों तक मिल चुके हैं, लेकिन उनकी इस समस्या का निदान किसी ने नहीं किया। मनीश के अनुसार स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है, जबकि शहर में ही उनकी कॉलोनी के इतने भद्दे हालात हैं कि लोग यहां नरकीय जीवन जीने को मजबूत हैं। कॉलोनी वासी रमेश शास्त्री, गौरव शर्मा, प्रवीण शर्मा, धर्मबीर प्रजापति, किर्तन शर्मा, प्रदीप गर्ग, धर्मबीर जांगड़ा, संजीव, रणबीर मित्तल ने भी प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस नाले को पक्का व ढका जाए।
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चलाया जा रहा स्वच्छता अभियान
अतिरिक्त उपायुक्त धर्मवीर ¨सह का कहना है कि प्रशासन द्वारा समय-समय पर लोगों व अधिकारियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाता है। सरकार के निदेशानुसार स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जाता है। इसमें अधिकारियों को कार्यालयों व अपने आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ बनाने के निर्देश दिए जाते हैं। प्रशासन द्वारा गांव को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए स्वच्छता अभियान चलाया गया है। वे स्वयं गांवों में पहुंचकर स्वच्छता का जायजा ले रहे हैं और ग्रामीणों को स्वच्छता के बारे में जागरूक कर रहे हैं। इसके लिए बाकायदा अधिकारियों को भी जिम्मेदारी दी गई है जो गांवों में पहुंचकर स्वच्छता की मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं।