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गर्भवती महिलाओं का सीएचसी स्तर पर होगा अल्ट्रासाउंड : अमनीत

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : एनएचएम हरियाणा मिशन की निदेशिका पी अमनीत कौर ने कहा कि

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jul 2017 11:52 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jul 2017 11:52 PM (IST)
गर्भवती महिलाओं का सीएचसी स्तर पर होगा अल्ट्रासाउंड : अमनीत
गर्भवती महिलाओं का सीएचसी स्तर पर होगा अल्ट्रासाउंड : अमनीत

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

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एनएचएम हरियाणा मिशन की निदेशिका पी अमनीत कौर ने कहा कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों की बचाना सरकार की प्राथमिकता है। इसलिए राज्य सरकार ने अल्ट्रासाउंड की समस्या से निजात दिलाने के लिए सीएचसी स्तर पर अल्ट्रासाउंड करवाने के प्रबंध करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सीएचसी के नजदीक स्थित निजी चिकित्सालयों और अल्ट्रासाउंड केंद्रों से समझौता किया जाएगा और प्रत्येक गर्भवती के अल्ट्रासाउंड के लिए 350 रुपये सरकार द्वारा दिए जाएंगे।

वे शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहीं थीं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि सभी के सांझे प्रयासों से अब 57 प्रतिशत डिलीवरी संस्थानों में होने लगी हैं। लेकिन फिर भी कई बार शहरों से लापरवाही बरतने की बात भी सामने आती है, जिनकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में आशा वर्कर और एएनएम को हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं पर विशेष फोकस रखना है और उनके स्वास्थ्य की निरंतर जांच करानी चाहिए। इसके साथ ग्रामीण क्षेत्रों में काम करनी वाली स्वास्थ्य सेविकाओं को बीपी जांच करने का पूरा ज्ञान होना चाहिए। फील्ड से मिली फीडबैक के अनुसार आशा वर्कर ही एएमसी कार्ड सहित अन्य कार्य कर की जिम्मेदारी है, जबकि एएनएम अपनी ड्यूटी का निर्वाह नहीं कर रही है। यह एएमसी कार्ड गंभीर गतिविधि है इसलिए इस कार्ड को भरने की कार्रवाई एएनएम द्वारा की जानी चाहिए। अगर इस कार्ड को एएनएम नहीं भरती है तो संबंधित क्षेत्र की एएनएम का वेतन रोकने में भी देरी नहीं लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरे जिलों से डाटा एकत्रित किया जा रहा है, जिससे जहां जो कमी है उसे पूरा किया जा सके।

निदेशिका ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की बारीकी से जांच की जानी चाहिए। अधिकतर महिलाओं को ह्दय रोग की भी शिकायत पाई जाती है। इस पर चिकित्सक का ज्यादा ध्यान नहीं जा पा रहा है। इसी तरह बच्चों के हृदय की भी जांच बराबर की जानी चाहिए। हरियाणा में अभी हाल में ही करीब 400 बच्चों की सर्जरी करवाई गई है। सरकार का मुख्य लक्ष्य है कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को ठीक रखा जाए और मृत्यु दर कम किया जाए। इस अवसर पर जिला सिविल सर्जन डॉ. एसके नैन, उपसिविल सर्जन डॉ. एनपी ¨सह, डॉ. योगेंद्र, डॉ. मुकेश, डॉ. अनुपमा मौजूद रहे।


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