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पितरों की आत्मिक शांति के लिए किया पिंडदान

संवाद सहयोगी, पिहोवा : सरस्वती तीर्थ पर चैत्र चौदस मेले में श्रद्धालुओं ने श्रद्धा की डुबकी लगाई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 11:49 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 11:49 PM (IST)
पितरों की आत्मिक शांति के लिए किया पिंडदान
पितरों की आत्मिक शांति के लिए किया पिंडदान

संवाद सहयोगी, पिहोवा : सरस्वती तीर्थ पर चैत्र चौदस मेले में श्रद्धालुओं ने श्रद्धा की डुबकी लगाई।

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श्रद्धालुओं ने स्नान कर पितरों की आत्मिक शांति के लिए पूजा की और ¨पडदान व दानपुण्य किया। पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व दूरदराज से आए हजारों श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने पुख्ता प्रबंध किए थे। सोमवार को मेले में सुबह ही श्रद्धालुओं ने सरस्वती तीर्थ में मंत्रोच्चारण के साथ स्नान कर पितरों की आत्मिक शांति के लिए परपंरा अनुसार ¨पडदान कराए। पिहोवा की मान्यता पितृ तीर्थ के रूप में है तथा पौराणिक ग्रंथों के अनुसार यहां भगवान श्रीकृष्ण व अर्जुन ने भी अपने सगे संबंधियों के मोक्ष के लिए ¨पडदान किया था। पृथुदक तीर्थ का महत्व गया के समान बताया गया है और यहां स्नान करने से मनुष्य को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं ने सरस्वती, प्राची, ब्रह्म योनि तीर्थ पर स्थित विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना की। हजारों श्रद्धालुओं प्रेत पीपल की परिक्रमा व शनि मंदिर में तेल चढ़ाकर मन्नत मांगी। विभिन्न संस्थाओं ने शहर की हर गली ओर मुहल्ले में श्रद्धालुओं के लिए विशेष तौर पर लंगर लगाए गए थे। वहीं देश के कोने कोने से आए लाखों श्रद्धालुओं ने सरस्वती तीर्थ के आस पास दुकानों पर जमकर खरीददारी की। तहसील रोड, मेन बाजार, सरस्वती चौक, गुरुद्वारा रोड आदि जगहों पर आस पास के क्षेत्रों से आए दुकानदारों ने बच्चों के लिए प्लास्टिक, लकड़ी ओर लोहे से बनाए गए आकर्षक खिलौने रखे गए हैं।

एसडीएम नरेंद्र पाल मलिक ने मेले का निरीक्षण किया और प्रबंधों का जायजा लिया। उन्होंने कर्मचारियों व अधिकारियों को पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि मेला प्रबंधों में लापरवाही सहन नहीं की जाएगी, इसलिए अधिकारी पूरी व्यवस्था करें, ताकि श्रद्धालुओं का किसी प्रकार की असुविधा न हो।

मेला क्षेत्र में एक पुलिस नियंत्रण कक्ष, अस्थाई पुलिस चौकी ओर महिला पुलिस की व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने तीर्थ यात्रियों के लिए मेला क्षेत्र को आठ सेक्टरों में बांट कर सुरक्षा ओर व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और 700 पुलिस कर्मी तैनात हैं। ऐतिहासिक सरस्वती तीर्थ के क्षेत्र पर 50 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

सहायता से मिले तीन हजार रुपये

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से बाल भवन में स्थापित किए गए सूचना प्रसारण केंद्र के माध्यम से श्रद्धालु के तीन हजा रुपये मिले हैं। सूचना केंद्र पर विष्णु दत्त शर्मा, राजकुमार, रामफल शर्मा, विजय कुमार, बरखा राम व कृष्ण लाल श्रद्धालुओं को मिलाने का काम कर रहे हैं।

यह है इतिहास

तीर्थ पुरोहित आशीष चक्रपाणी ने बताया कि सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी, छठी पातशाही गुरु हरगो¨बद, नौवीं पातशाही गुरुतेग बहादुर व 10वीं पातशही गुरु गो¨बद ने यहा के सरोवरों में स्नान किया। इस प्रकार भगवान शिव शकर, भगवान श्री कृष्ण सहित अनेक देवी देवताओं ने इस धर्म नगरी मे स्नान किया था। इसलिए चैत्र चौदस मेले पर दोनों समुदाय के लोग श्रद्धा भाव से आते है।


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