500 से अधिक एनएचएम कर्मचारी आज रहेंगे हड़ताल पर
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अगर आज कहीं दुर्घटना होती देखें तो घायलों को सरकारी अस्
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
अगर आज कहीं दुर्घटना होती देखें तो घायलों को सरकारी अस्पताल तक पहुंचाने के लिए सरकारी एंबुलेंस का इंतजार मत कीजिएगा। न ही डिलीवरी कराने के लिए 102 से गर्भवती महिलाओं को ले जाने के लिए एंबुलेंस आने वाली है, क्योंकि जिले भर के 500 से ज्यादा एनएचएम कर्मचारियों ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की ठान ली है। कर्मचारियों ने इस बार कड़ा रुख अपनाते हुए आपातकालीन सुविधाओं को भी बंद रखने का निर्णय किया है। इसके चलते सामान्य चिकित्सा सेवाओं के साथ-साथ एंबुलेंस जैसी आपात सेवाएं भी बाधित रहेंगी। यह हड़ताल एनएचएम कर्मचारियों की दूसरी बड़ी हड़ताल होगी। इससे पहले अगस्त माह में भी कर्मचारी दो दिन की हड़ताल पर चले गए थे, लेकिन तब आपातकालीन सेवाएं बाधित नहीं की गई थी।
एनएचएम कर्मचारियों को थोड़े-थोड़े कर हटाए जाने और समान वेतन न देने के विरोध में मंगलवार को एनएचएम के जिले भर के कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं। इस हड़ताल में एंबुलेंस चालक, इएमटी , नर्सें, कंप्यूटर आपरेटर, एकाउंट असिस्टेंट, एनसीडी विभाग, टीबी विभाग, फेमिली प्ला¨नग विभाग, मलेरिया विभाग व एलएनजेपी अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी भाग लेंगे। इसके अलावा एनएचएम के तहत कार्यरत चिकित्सकों ने भी कर्मचारियों की इन मांगों का समर्थन करते हुए हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है। इसके तहत शहर के सरकारी अस्पतालों में काफी हद तक स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहेंगी,क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के पास पहले ही स्टाफ कम है और विभाग का ज्यादा काम इन्हीं एनएचएम कर्मचारियों पर रहता है ऐसे में अगर ये कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो मरीजों के साथ-साथ, स्वास्थ्य विभाग व सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
आपातकालीन सुविधाएं पहली बार रहेंगी बाधित
आपातकालीन सुविधाओं में 102 यानी एंबुलेंस सेवाएं अहम भूमिका निभाती है। सड़क दुर्घटना में घायल मरीजों को दुर्घटनास्थल से अस्पताल तक ले पहुंचाने, प्रसव पीड़ा में गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के लिए अस्पताल तक लाने व गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में जांच के लिए लाने व ले जाने के लिए एंबुलेंस सेवा काम आती है। ऐसे में अगर 102 की सेवाएं बाधित होती है तो आपातकालीन सुविधाएं पूरी तरह से चरमरा जाएगी। इसके अलावा गंभीर हालत में आने वाले मरीजों को पीजीआइ रेफर करने की स्थिति में भी मरीज की जान पर बन सकती है।
500 से अधिक कर्मचारी रहेंगे हड़ताल पर
एनएचएम जिला एसोसिएशन के प्रेस प्रवक्ता पंकज आत्रेय ने बताया कि जिला प्रधान साहब ¨सह के आह्वान पर कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। जिले में एनएचएम के तहत 500 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। पिछले कई वर्षों से कर्मचारी अपनी ड्यूटी को अच्छे ढंग से निभा रहे हैं, बावजूद इसके धीरे-धीरे करके कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। इसके चलते दूसरे कर्मचारियों को भी अपनी नौकरी असुरक्षित लग रही है, जबकि स्वास्थ्य विभाग में पहले ही कर्मचारियों की कमी है। फिर भी कर्मचारियों को हटाकर उनके साथ गलत कर रही है और आम लोगों के स्वास्थ्य पर संकट खड़ा कर रहा है। इसी के तहत एनएचएम कर्मचारी पूर्व सूचना के अनुसार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। इस बार आपातकालीन एंबुलेंस सेवा को भी ठप रखा जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी विभाग व सरकार की होगी।
चिकित्सक भी बंद कर सकते हैं आपातकालीन सेवाएं ठप
एनएचएम कर्मचारियों का मंगलवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना लगभग तय है। उधर, 26 अक्टूबर को चिकित्सक भी अपनी मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश पर जाने की तैयारी कर चुके हैं। चिकित्सकों ने नौकरी कार्यकाल को 58 से 65 करने की मांग के साथ-साथ अपनी कुछ मांगें रखी थी, जिसे स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जल्द ही पूरा करने का आश्वासन भी कर दिया था, लेकिन यह मांग निश्चित समय में पूरी न होने पर चिकित्सक एक बार फिर सामूहिक अवकाश पर जाएंगे। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र खामरा के अनुसार 26 अक्टूबर को सीएचसी व पीएचसी के चिकित्सक सामूहिक अवकाश पर जाएंगे इस दौरान मुख्य अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं चलती रहेंगी और अगर 26 को उनकी मांगे नहीं मानी जाती तो 27 अक्टूबर को मुख्य अस्पताल की आपातकालीन सुविधाएं भी ठप कर दी जाएंगी, जिससे मरीजों के साथ-साथ, विभाग और सरकार के लिए भी यह स्थिति परेशानी में डाल सकती है।
नहीं है कोई अतिरिक्त व्यवस्था : डॉ. एनपी ¨सह
एनएचएम नोडल अधिकारी एवं उपसिविल सर्जन डॉ. एनपी ¨सह ने बताया कि एंबुलेंस चालकों को हड़ताल पर न जाने के लिए कहा गया है। अब तक चालकों के हड़ताल पर जाने की बात उनके संज्ञान में नहीं है। अगर इसके बाद भी चालक हड़ताल पर चले जाते हैं तो विभाग के पास कोई अतिरिक्त व्यवस्था नहीं बचती। हालांकि इस बारे उच्चाधिकारियों को पहले ही सूचित किया जा चुका है।