संस्कृत को बचाने के लिए मुख्यमंत्री के नाम दिया गया ज्ञापन
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : संस्कृत बचाओ के नारे लगाते हुए नगर के विभिन्न संस्कृत विद्यालया
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
संस्कृत बचाओ के नारे लगाते हुए नगर के विभिन्न संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों में कार्यरत तथा शिक्षा प्राप्त कर रहे शास्त्रियों एवं आचार्यो ने लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे प्राचार्य रणबीर भारद्वाज ने कहा कि यूजीसी तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पाठ्यक्रम के अनुरूप पढ़कर संस्कृत अध्यापक व संस्कृत प्राध्यापक पद हेतु संस्कृत विषय पारंगत शास्त्री व आचार्य उपाधि धारकों को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा हाल ही में संस्कृत अध्यापकों की भर्ती के लिए जारी विज्ञप्ति से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जिस राज्य की संस्कृति का आधार संस्कृत भाषा है, जहां गीता का संदेश दिया गया हो, परन्तु सरकार शुद्ध संस्कृत के पांच वर्ष तक वेद पुराण, व्याकरण, गीता आदि ग्रंथों का अध्ययन तथा शोध करने वालों को रोजगार से वंचित करने का काम कर रही है। भारद्वाज से कहा कि सरकार दोगली नीति अपना रही है। वह लोग पिछले दो वर्षों से सरकार से नियमों में संशोधन की मांग कर रहे है। उन्होंने आरोप लगाया सरकार की दोहरी नीति संस्कृत के लिए विनाशकारी है, क्योंकि दस बीस अध्याय पढ़कर डिग्री लेने वाले संस्कृत के पारंगत नहीं होते है। भारद्वाज से कहा कि अभी वह लोग सरकार से बार-बार अनुरोध कर रहे है। नहीं तो उन्हें अन्य रास्ता चुनना होगा। इस मौके पर संस्कृत के शास्त्रियों व आचार्यो ने धरना प्रदर्शन करने के बाद उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया। इस अवसर पर प्रदर्शनकारी शास्त्रियों व आचार्यो के साथ संस्कृत के विद्यार्थी भी थे।