कुवि की पदोन्नतियों में वरिष्ठता के फेर में योग्यता दरकिनार
सतीश चौहान, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कर्मचारी संघ का दबाव कहें या फिर प्रशासन
सतीश चौहान, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कर्मचारी संघ का दबाव कहें या फिर प्रशासन की मजबूरी, लेकिन कर्मचारियों की वरिष्ठता योग्यता पर भी भारी पड़ रही है। आलम ये है कि कई ऐसे अधिकारी हैं जो इन डिग्रियों पर हस्ताक्षर कर रहे हैं जो उन्होंने स्वयं पूरी की नहीं। कुवि के कर्मचारियों में सबसे बड़े माने जाने वाले उप-कुलसचिव के आठ पदों में से दो अधिकारी ऐसे हैं जो योग्यता को पूरा नहीं कर रहे हैं। इसी तरह सहायक स्तर के अधिकारियों में से छह अधिकारी ऐसे हैं जो निर्धारित योग्यता को पूरा नहीं कर रहे हैं। इक्का-दुक्का तो ऐसे भी हैं जो कभी कॉलेज गए ही नहीं, लेकिन अब कॉलेज और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए फैसले करने में सक्षम हैं। सूचना का अधिकार के तहत कुवि से डॉ. विरेंद्र पूनिया ने यह जानकारी ली है।
केंद्रीय विभागों से लेकर प्रदेश के विभागों में पदोन्नति के लिए हमेशा दो नियम होते हैं। जिनमें योग्यता के साथ वरिष्ठता को तरजीह दी जाती है, लेकिन इनमें खास बात ये होती है कि पदोन्नति के लिए पद की निर्धारित योग्यता को पूरा करना अनिवार्य होता है, लेकिन प्रदेश का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय इन नियमों को स्वयं ही तोड़ रहा है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में ऐसा उन पदों के लिए हो रहा है जो मुख्य पदों में शामिल हैं और जिनपर कुवि के फैसले लेने का दारोमदार होता है। कुवि की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार कुवि के डिप्टी रजिस्ट्रार यानि उप-कुलसचिव के आठ पद हैं। जिनमें से दो पदों में से एक अधिकारी 12वीं और दूसरा अधिकारी बीए पास है। वहीं इसी प्रकार से असिस्टेंट रजिस्ट्रार के 10 पदों में से एक अधिकारी बीकाम प्रथम वर्ष पास है और पांच अधिकारी स्नातक हैं।
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कुवि प्रशासन करता आया है योग्यता में छूट
कुवि नियमों के अनुसार डिप्टी रजिस्ट्रार और असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पदों के लिए स्नातकोत्तर योग्यता है। इसके अलावा दोनों पदों के लिए लगभग आठ से दस वर्षों का अनुभव भी आवश्यक है। इसके बावजूद कुवि प्रशासन पिछले कई दशकों से ऐसा करता आया है। जिसमें अधिकारियों को पदोन्नति देने के लिए योग्यता में छूट दी जाती रही है। जिसके बाद ही इन अधिकारियों को पदोन्नति प्रदान की जाती है।
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चैनल रुक जाने के कारण होता है ऐसा : कुलसचिव
कुवि कुलसचिव डॉ. प्रवीण कुमार सैनी का कहना है कि कुवि में डीआर और एआर के पदों में से 25 प्रतिशत सीधी भर्ती के जरिये भरे जाते हैं और 75 प्रतिशत पदोन्नति द्वारा भरने का नियम है। उन्होंने बताया कि जब तक एक अधिकारी को पदोन्नत कर सीट खाली नहीं की जाती तो निचला कर्मचारी ऊपर नहीं आ सकता। इसलिए कुवि को कई बार पदोन्नति में योग्यता में छूट देनी पड़ती है। इसके अलावा सीधी भर्ती के लिए योग्यता पूरी की जाती है।