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मानव कल्याण के लिए गीता का अनुसरण जरूरी : राज्यपाल

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान ¨सह सोलंकी ने कहा कि 21वीं सदी में द

By Edited By: Published: Tue, 06 Dec 2016 06:46 PM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2016 06:46 PM (IST)
मानव कल्याण के लिए गीता का अनुसरण जरूरी : राज्यपाल

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

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राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान ¨सह सोलंकी ने कहा कि 21वीं सदी में दुनिया में मानव कल्याण व आपसी भाईचारे के लिए श्रीमद्भागवत गीता को जीवन में अपनाने की जरूरत है। गीता हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। जीवन को कैसे जिया जाए यह संदेश भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की इस कर्मभूमि में दिया था। विश्व की सभी समस्याओं के समाधान के लिए हमें गीता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। वे मंगलवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के श्रीमछ्वगवद् गीता सदन में आयोजित भगवद् गीता संपूर्ण जीवन प्रबंधन और विश्व बंधुत्व एवं पर्यटन प्रेरणा विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।

इस मौके पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।

राज्यपाल ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता भारत की संस्कृति व उसकी आत्मा की पहचान को प्रकट करती है। गीता का ज्ञान हमारे अंदर में जलता रहे इसके लिए गीता उत्सव को मनाना जरूरी है। गीता जीवन जीने की कला है। भगवान कृष्ण ने 5153 वर्ष पहले दुनिया को यह संदेश दिया था। यह संदेश दुनिया में व्याप्त सभी तरह की समस्याओं को हल करने वाला अछ्वुत ग्रंथ है। भारतीय संस्कृति का आधार वसुदेव कुटुम्बकम की धारणा है और यह संस्कृति हमें अपने महान ग्रंथों से मिली है। राज्यपाल ने कहा कि 21वीं शताब्दी भारत के पुर्नजागरण की शताब्दी है। आज युवा भारत करवट ले रहा है। भारत में हो रहा बदलाव यह दिखाता है कि आने वाला समय भारत का है। भारत ने दुनिया के सामने योग का विचार रखा।

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दुनिया भर के लोग कर रहे गीता का अध्ययन : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 21वीं सदी में जीवन के कुशल प्रबंधन के लिए गीता को जीवन में अनुसरण करना जरूरी है। गीता को जीवन में अपनाकर ही हम देश में आध्यात्मिक व नैतिक जागरण शुरू कर सकते हैं। आज दुनिया के कई बड़े संस्थानों व बड़ी कंपनियों में वरिष्ठ पदों पर बैठे लोगों को गीता का अध्ययन करवाया जा रहा है। जीवन में सफलता के लिए श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति हमारी पहचान है और इस संस्कृति की रचना वेद पुराणों से हुई है। गीता को जन-जन तक पहुंचाकर ही नई पीढ़ी को एक नई दिशा दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के स्वर्ण जयंती वर्ष में पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गीता जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है। यह प्रदेश के लोगों के लिए गर्व का विषय है। पहली बार गीता जयंती उत्सव में देश के 574 जिलों के प्रतिनिधि के रूप में 574 लोग अपने प्रदेश की मिट्टी के साथ यहां पहुंचे हैं। देश के अलग-अलग जिलों से आई इस मिट्टी से कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण की विशाल प्रतिमा बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सभी प्रयास गीता को जन-जन तक पहुंचाने व कुरुक्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित हो। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रदेश के विकास के लिए 50 स्वर्णिम लक्ष्य निर्धारित किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र व हरियाणा सरकार ने कृष्णा सर्किट के तहत कुरुक्षेत्र का विकास करने की योजना बनाई है इसके लिए 100 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।


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