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एक बेड पर दो प्रसूताओं को देख भड़कीं चेयरमैन

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जांच कराने के लिए महिला एवं पुरुषों की एक कतार, एक बेड पर

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Mar 2017 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2017 03:01 AM (IST)
एक बेड पर दो प्रसूताओं को देख भड़कीं चेयरमैन
एक बेड पर दो प्रसूताओं को देख भड़कीं चेयरमैन

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जांच कराने के लिए महिला एवं पुरुषों की एक कतार, एक बेड पर दो-दो प्रसूता व नवजात और सामान्य चिकित्सक के ओपीडी कार्यालय में पर्दा लगे देखकर महिला आयोग की चेयरमैन कमलेश पांचाल एलएनजेपी अस्पताल प्रशासन पर भड़क गई और अधिकारियों की क्लास लगाई। वे मंगलवार को अचानक अस्पताल पहुंची थी।

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मरीज ने भी आपबीती सुनाई और कुछ चिकित्सकों पर पर्ची पर अजीब लिखाई में दवाई का नाम लिखने के आरोप जड़ दिए। उन्होंने कहा कि आम व्यक्ति तो क्या इसे अस्पताल के फार्मासिस्ट भी समझ नहीं पाते है। कुछ निजी कैमिस्ट ही उनकी लिखावट समझ पाते हैं। इस पर उन्होंने कड़े लहजे से अस्पताल प्रशासन को व्यवस्था में सुधार करने की चेतावनी दी।

कार्यशाला से पहले अचानक पहुंची

मंगलवार को महिला आयोग की चेयरमैन कमलेश पांचाल पंचायत भवन में जाति व लैंगिक आधारित ¨हसा पर आयोजित होने वाली कार्यशाला में शिरकत करने पहुंची थी, लेकिन कार्यक्रम में पहुंचने से पहले ही वे बिना पूर्व सूचना के एलएनजेपी अस्पताल पहुंच गई। उनको देखकर अस्पताल में हड़कंप मच गया। कई चिकित्सक व स्टाफ सदस्य आनन-फानन में एप्रन ढूंढने लगे। सफाई कर्मचारी एक्टिव हो गए और सफाई करते दिखाई दिए।

प्रसूति केंद्र में अव्यवस्था पर भड़कीं

सबसे पहले वे प्रसूति केंद्र पहुंची। यहां एक बेड पर दो-दो गर्भवती महिलाओं व उनके शिशुओं को देखकर अस्पताल प्रशासन से इसका जवाब मांगा, जिस पर अधिकारी बेड कम होने का रोना रोने लगे। यहीं पर जूते चप्पल पहनकर भीतर घूसते लोगों की भीड़ को देखकर वे अपने आप को रोक नहीं पाईं और बोलीं की इससे माता व नवजात को संक्रमण और जान का खतरा है, जिस पर अधिकारी चुप्पी साध गए।

एक कतार में महिला व पुरुष क्यों?

प्रयोगशाला के बाहर एक ही कतार में पुरुष व महिलाओं की कतार को देखकर उन्होंने व्यवस्था सुधारने की चेतावनी दी। इतने में एक मरीज उनके पास आकर चिकित्सक की शिकायत करने लगा। मरीज ने बताया कि कुछ चिकित्सक ऐसी लिखाई लिखते हैं कि उन्हें भीतर के फार्मासिस्ट भी समझ नहीं पाते और कुछ विशेष दवा विक्रेता ही उसे समझ पाते हैं। इस पर उन्होंने मरीज की समस्या को सुलझाने के आदेश दिए।

चिकित्सक ने बंद कर रखा था दरवाजा

आगे वे एक सामान्य चिकित्सक की ओपीडी में पहुंची जहां चिकित्सक द्वारा भीतर से दरवाजा बंद पाया गया। कई बार दरवाजा खटखटाने के बाद खोला गया। भीतर पहुंचने पर उन्होंने खिड़कियों पर पर्दे लगे देख पूछा कि सामान्य चिकित्सक की ओपीडी में पर्दो का क्या काम। उन्होंने कहा कि सामान्य चिकित्सक के पास महिलाएं भी आती हैं ऐसे में अगर उनके कमरे में पर्दे लगे हैं तो स्टाफ नर्स को क्यों नहीं बैठाया गया। उन्होंने चिकित्सक को पर्दे हटाने के साथ ही एक महिला स्टाफ नर्स को यहां तैनात करने के आदेश दिए।

खामियां दूर करने के दिए निर्देश

सामान्य फिजिशयन के पास जांच कराने के लिए महिला मरीज भी आती हैं और उसके ओपीडी कार्यालय में पर्दे लगे होना ठीक नहीं। महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से पर्दे हटाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि चिकित्सक की ओपीडी के दौरान स्टाफ नर्स को बैठाया जाए, ताकि महिलाओं को किसी भी तरह की असुरक्षा महसूस न हो। इसके अलावा प्रसूति केंद्र में कई तरह की खामियां मिली हैं। एक बेड पर दो-दो महिला मरीज होने पर अधिकारियों ने बेड की कमी होने की सफाई दी है। फिर भी अस्पताल प्रशासन को आदेश दिए गए हैं कि दोबारा इन गलतियों का दोहराव न हो।

कमलेश पांचाल, चेयरमैन, महिला आयोग।


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