गीता के श्लोकों से गूंजी धर्मनगरी, 18000 बच्चों ने किया गीतापाठ
अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महाेत्सव में बुधवार को धर्मनगरी श्री मद् भागवत गीता के पवित्र श्लाेकों से गूंज उठी। 18000 बच्चों ने एक साथ गीता श्लोकों का पाठ किया।
जेएनएन, कुरुक्षेत्र। अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महाेत्सव के दूसरे दिन धर्मनगरी श्री मद् भागवत गीता के पवित्र श्लाेकों से गूंज उठी। कुरुक्षेत्र के थीम पार्क में 18000 बच्चों ने एक साथ गीता श्लोक उच्चारण शुरू किया। इससे पूरा वातावरण श्री कृष्णमय हो गया। काेहरे के बावजूद हजारों की संख्या में लाेग महाेत्सव में सुबह ही पहुंच गए। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने किया।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रे और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद मौजूद हैं। कार्यक्रम में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी शामिल हाेना था, लेकिन उनका दौरा रद हो गया।
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अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के तहत आज गीतामय युवा चेतना कार्यक्रम हो रहे हैं। थीम पार्क में जिले के स्कूलों से 18 हजार स्कूली विद्यार्थी एक साथ गीता के 18 श्लोकों का उच्चारण किया। उन्होंने तीन बार सूर्य नमस्कार किया और सुंदर संकल्प गीत गया।
गीता जयंती महोत्सव के दौरान गीता श्लोकों का पाठ करते लाेग।
विद्यार्थियों को 18 श्लोकों के अर्थ समझाया गया और हिंदी में अनुवाद गीता की पुस्तकें भी दी गईं। कुरुक्षेत्र विजन के मदन मोहन छाबड़ा ने बताया कि कि सूर्य नमस्कार और श्लोकोच्चारण को लेकर स्कूली विद्यार्थियों ने एक माह में नियमित रूप से रिहर्सल की। इसके लिए दो बार कार्यशालाओं का भी आयोजन किया गया था।
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स्थापना पत्थर बना सेल्फी प्वाइंट
अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मंगलवार को आगमन रद होने के कारण कृष्णा सर्किट प्रोजेक्ट की आधारशिला अधूरी रह गई। राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी एवं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी इसका शिलान्यास नहीं किया। अब यहां लगाया गया शिलान्यास पत्थर पर्यटकों के लिए सेल्फी प्वाइंट बन गया। कुछ पर्यटकों ने तो रस्सी खींचकर शिलान्यास ही कर डाला।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते मुख्यमंत्री मनोहरलाल।
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पर्यटकों की समझ से परे सरस्वती मॉडल
सरस्वती हेरीटेज बोर्ड द्वारा सरस्वती उत्थान को लेकर गीता जयंती महोत्सव में मॉडल स्थापित किया गया था। राज्यपाल व मुख्यमंत्री के अवलोकन करने के बाद बोर्ड के सदस्य व अधिकारी भी यहां से खिसक गए। पर्यटक जब यहां पहुंचे तो उन्होंने इस भव्य मॉडल को देखकर इसे जानने की दिलचस्पी दिखाई, लेकिन इस बारे में बताने के लिए वहा कोई मौजूद नहीं था। महोत्सव में पहुंचे जींद के बारू राम व करनैल सिंह ने बताया कि मॉडल भव्य है, लेकिन यह मॉडल उनकी समझ में नहीं आया और न ही वहां कोई इस बारे में बताने वाला मौजूद था।