गोवंश बचाने और संरक्षण के लिए प्रशासन ने उठाया कदम
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिला प्रशासन ने सड़कों पर दम तोड़ रहे गोवंशों को बचाने और उनके संरक्षण
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिला प्रशासन ने सड़कों पर दम तोड़ रहे गोवंशों को बचाने और उनके संरक्षण के लिए पहला कदम उठा लिया है। गोशाला संचालकों से सीधे संवाद से प्रशासन ने सड़कों पर घूम रहे गोवंश को संरक्षित करने की रूपरेखा बनाई है। 15 अगस्त तक घूम रहे पशुओं को सड़कों से गोशाला के भीतर ले जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे पशुपालन एवं डेयरी विभाग की मदद से पूरा किया जाएगा। इसके अलावा घायल पशुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करने पर भी मुहर लगाई गई है। गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने 27 जुलाई को यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया था, जो बैठक के दौरान भी उठा।
शुक्रवार को उपायुक्त सीजी रजिनिकांतन ने सामाजिक संस्थाओं और गोशाला संचालकों की बैठक बुलाई और सड़कों पर बेसहारा घूम रहे गोवंश को संरक्षण देने के मुद्दे पर विचार आमंत्रित किए। इस समस्या से निपटने के लिए उन्होंने बैठक कर गोशाला संचालकों से सहयोग मांगा। बैठक में उपायुक्त ने गोशाला संस्थाओं को विभिन्न गांवों में करीब 31 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि संस्थाओं को निश्शुल्क जमीन उपलब्ध कराई जाएंगी, जिस पर संस्थाएं गोवंश की देखरेख कर सकेंगी। इसके लिए प्रशासन संस्थाओं से समझौता करेगा। इस समझौते के अनुसार गोशाला संचालन का कार्य स्वतंत्र रूप से संस्थाओं को सौंपा जाएगा, जबकि जमीन पर मालिकाना हक पंचायत और नगरपालिका का ही रहेगा। इन संयुक्त प्रयासों से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। उपायुक्त ने गोभक्तों से कहा कि वे गोवंश को संरक्षण देना चाहते हैं, लेकिन ऐसा करने के लिए उन्हें संस्थाओं के सहयोग की जरूरत है। इस वार्ता के दौरान 250 पशुओं को गोशालाओं में पनाह देने पर प्रशासन व गोशाला संचालकों की मुहर मौके पर ही लगा दी गई।
उन्होंने संस्थाओं की तरफ से दिए गए सुझावों की सराहना करते हुए कहा कि गोशाला की इच्छानुसार और क्षमता के आधार पर नगर परिषद के कर्मचारी और पशुपालन के अधिकारी मिलकर सड़कों पर घूम रही बेसहारा गऊओं को गोशाला तक पहुंचाने का काम करेंगे। उन्होंने अमीन गोशाला के पास तालाब की चार दीवारी बनाने और अन्य व्यवस्थाओं को देखने के लिए बीडीपीओ थानेसर की ड्यूटी लगाई है। इसके अलावा पशुपालन विभाग के अधिकारियों को नियमित रूप से गोशालाओं का निरीक्षण करने और उनकी समस्याओं को सुनने के निर्देश देने के साथ उपायुक्त ने एंबुलेंस की व्यवस्था करने और गोशालाओं को सरकार के नियमानुसार तमाम सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश भी दिए हैं। पशुपालन विभाग के उप-निदेशक डॉ. धर्मेंद्र ने कहा कि सभी संस्थाओं को एसपीसीए के नियमानुसार अपनी गोशालाओं को पंजीकरण करवाना होगा। इसके लिए संस्थाओं के प्रतिनिधि 500 रुपये फीस देकर संस्था के सदस्य बन सकते हैं। इसके अलावा विभाग की तरफ से हर प्रकार की सहायता की जाएगी। डीडीपीओ कपिल शर्मा ने कहा कि पंचायतों में गऊचरांद की जमीन को नियमानुसार गोशाला चलाने के लिए संस्थाओं को दिया जाएगा और उसके साथ बकायदा नियमानुसार समझोता भी किया जाएगा। इस मौके पर विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि व पशुपालन विभाग के अधिकारी तथा सभी ब्लाकों के बीडीपीओ मौजूद थे।
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दैनिक जागरण ने उठाया था मुद्दा
दैनिक जागरण ने 27 जुलाई को जागरण सिटी में प्रमुखता से-सड़कों पर दम तोड़ रहे मवेशी, शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था, जिसमें जिले में एंबुलेंस न होने की वजह से सड़कों पर दुर्घटनाग्रस्त दम तोड़ रहे गोवंश की समस्या उठाई गई थी। यह मुद्दा बैठक के दौरान भी उठा, जिस पर उपायुक्त ने तुरंत पशु पालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारियों को इसकी व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
प्रशासन के पास छह ब्लाकों में 31 एकड़ भूमि
उपायुक्त सीजी रजिनिकांतन ने जिले के छह ब्लाकों में रजिस्टर सोसाइटी और सरकार की शर्तो को पूरा करने वाली गोशाला समिति को गोशाला का निर्माण करने व उन्हें चलाने के लिए हर ब्लाक में जमीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया गया है। उन्होंने कहा कि थानेसर में गांव कुम्हारखेड़ी में 11 एकड़, पिहोवा के गांव थाना में कई एकड़, लाडवा के गांव छलौंदी में 5 एकड़, बाबैन ब्लाक के गांव सुनारियां में 10 एकड़, इस्माइलाबाद ब्लाक के गांव मांडी में साढे 5 एकड़ तथा शाहाबाद ब्लाक के गांव चनारथल में 5 एकड़ जमीन संस्थाओं को आफर की है।
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कौन सी संस्थाएं आगे
प्रशासन के साथ संस्थाओं की बैठक में सड़कों पर घूमने वाले करीब 250 गायों और पशुओं को अडोप्ट करने का निर्णय संस्थाओं ने लिया है। इसमें थाना गांव की गोशाला के संचालकों ने 100 पशुओं, ज्योतिसर गोशाला ने 25, अमीन गोशाला ने 25, श्रीकृष्ण गोपाल गोशाला ने 25, महादेव गोशाला सेवा समिति व बाहरी मोहल्ला ने 25 गायों व पशुओं को अडोप्ट करने की बात कही है।
किस संस्था ने क्या दिया सुझाव
प्रशासन ने जिला की विभिन्न गोशाला समितियों और संस्थाओं से बेसहारा गऊओं के पालन-पोषण व सरंक्षण को लेकर सुझाव मांगे। प्रशासन की इस बैठक में महादेव गोशाला से सेवानिवृत इंजिनियर सीवी गुप्ता ने कहा कि सड़कों पर घूमने वाली बेसहारा गायों और अन्य पशुओं को सभी गोशालाओं में बराबर गिनती में अडोप्ट करवाया जाए, ताकि सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके और गऊओं को चोटिल होने से बचाया जा सके। गोसेवक रघुबीर गर्ग ने कहा कि 17 सालों से गऊओं की सेवा करने का कार्य कर रहे हैं। प्रशासन को चोटिल हुए पशुओं को तुरंत उपचार के लिए सही जगह पर ले जाने के लिए एक एंबुलेंस की व्यवस्था करानी चाहिए। श्रीगोपाल गोशाला की तरफ से सुझाव दिया गया कि प्रशासन को बेसहारा गऊओं को गोशाला तक पहुंचाने का इंतजाम करना चाहिए। पिहोवा से अनिल बंसल ने और ज्योतिसर व पिहोवा थाना गांव की गोशाला संचालक ने भी अपने सुझाव रखे। इसके अलावा महादेव गोशाला सेवासमिति से सुरेंद्र गोयल ने भी अपने सुझाव रखे।