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खंडेलवाल के समक्ष भ्रष्टाचार के दावों की खुली पोल

संवाद सहयोग, पिपली : एक ओर जहा केंद्र व प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का दावा कर रही है मगर

By Edited By: Published: Thu, 16 Apr 2015 09:14 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2015 09:14 PM (IST)
खंडेलवाल के समक्ष भ्रष्टाचार के दावों की खुली पोल

संवाद सहयोग, पिपली : एक ओर जहा केंद्र व प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का दावा कर रही है मगर इन दावों की पोल बृहस्पतिवार को उस समय खुल गई जब कुछ आढ़तियों ने अतिरिक्त प्रधान सचिव केके खंडेलवाल के समक्ष बारी-बारी से भ्रष्टाचार की पोलें खोल डाली। आढ़तियों के मुख से भ्रष्टाचार की यह बाते सुनकर खंडेलवाल भी भौचक्के रह गए। आढ़तियों ने बकायदा उन अधिकारियों के नाम का भी खुलासा कर दिया जो उनसे कटौती के नाम पर रिश्वत एंठते है। मंडी के पूर्व महासचिव धर्मपाल मथाना ने जब दोनों अधिकारियों के नाम उजागर किए तो पास खड़े एफसीआई के अधिकारी ने उन्हे लाल तेवर दिखाते हुए घूरना शुरू कर दिया। मामला बढ़ता देख सभी आढ़ती धर्मपाल मथाना के पक्ष में आ खड़े हुए और बारी-बारी से सभी ने भ्रष्टाचार की पोलें खोलनी शुरू कर दी। मामला ज्यादा बढ़ता देखकर केके खंडेलवाल ने हस्तक्षेप कर एफसीआई के अधिकारी को चुप रहने के लिए कहा।

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हरियाणा प्रदेश के खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. खंडेलवाल बृहस्पतिवार को पिपली अनाज मंडी में आढ़तियों की समस्याओं को सुनने के लिए आए थे। आढ़तियों ने उनके समक्ष गेहू में कटौती व अन्य मामलों को उठाया। वहीं साथ ही एफसीआई में बढ़ रहे भ्रष्टाचार को लेकर भी मामला तूल पकड़ गया। खडेलवाल ने आढ़तियों को बारी-बारी से अपनी बात रखने के लिए कहा। सबसे पहले मंडी के पूर्व महासचिव धर्मपाल मथाना अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए। उन्होंने एफसीआई के अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जनाब ये बिना रिश्वत लिए कोई भी गाड़ी पास नहीं करते। ये अधिकारी कट के नाम पर प्रति गाड़ी उनसे 5 हजार रुपये लेते है। उनकी इस दलील पर उस समय वहा उपस्थित लोगों में हस्सी का फंुंवारा फूट पड़ा जब धर्मपाल मथाना ने पेशकश की जनाब हम रिश्वत के नाम पर एफसीआई के अधिकारियो को 10 हजार रुपये देने को तैयार है बशर्ते वे हमारे माल में कोई कट न लगाए। मंडी के प्रधान ललित मोहन सिंगला, आढ़ती बनारसी दास, राजकुमार अटवान, पूर्व प्रधान नरेद्र झाब ने भी एफसीआई के भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। इन सभी का रोना था कि एफसीआई के अधिकारियों की रग-रग में भ्रष्टाचार भरा हुआ है। बिना रिश्वत लिए तो ये कोई भी काम नहीं करते। मौके की नजाकत को देखते हुए वहा पास बैठे डीसी भी चुप नहीं बैठ सके और उन्होंने भी आढ़तियों का पक्ष लेना शुरु कर दिया। डीसी रजनीकातन तपाक्क से बोले कि पिपली के एफसीआई अधिकारियों पर सीबीआई का केस भी चल रहा है और पिपली की मंडी भ्रष्टाचार के लिए नोटिड है। जैसे ही डीसी रजनीकातन ने भ्रष्टाचार के मामले में आढ़तियों का पक्ष लेना शुरु किया तो वैसे ही आढ़तियों का हौंसला ओर बढ़ गया। पूर्व मंडी महासचिव धर्मपाल मथाना फिर से अपनी कुर्सी से खड़े हो गए और जोर-जोर से बोलने लगे जनाब एफसीआई के अधिकारियों के खिलाफ आज ही कार्रवाई होनी चाहिए। बस फिर क्या था खंडेलवाल ने आढ़तियों की बात रखते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया। मौके पर ही उन्होंने खाद्य आपूर्ति विभाग के नियंत्रक डॉ. प्रेमपाल को कार्रवाई करने के निर्देश दिए।


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