बैंक से पेंशन जुड़ने पर बुजुर्गो में खुशी
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : बुढ़ापा पेंशन के बैंकों से जुड़ने से अब गावों में मनमानी करने वालों के
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद :
बुढ़ापा पेंशन के बैंकों से जुड़ने से अब गावों में मनमानी करने वालों के दिन लद जाएंगे। यही नहीं अब बुजुर्ग महीने में किसी भी दिन बैंक में जा कर सम्मान पेंशन पूरे सम्मान के साथ पा सकेंगे। इस व्यवस्था से कुछ लोगों की चौधर पर आच तो आई है मगर बुजुर्गो का रास्ता स्थायी तौर पर आसान हो गया है। यही नहीं नई पेंशन पाने वालों को सीधे बैंक से ही जोड़ दिया जाएगा।
सरकार ने कुछ साल पहले ही पेंशन वितरण पंचायतों के हवाले किया। इसके बाद भी शिकायतें कम नहीं हुई। किसी गाव से शिकायत आती की समय पर बैंक से नकदी निकलवा ली जाती है और कई रोज नकदी का प्रयोग कर मनमर्जी से पेंशन वितरित की जाती है। कई गावों से तो गुप्तचरों ने सरकार को सूचना भेजी कि वितरण करने वाले ही दो दिन पेंशन बाटकर नकदी खत्म हो जाने का बहाना बना देते है, जबकि बैंक से एक गाव की पेंशन राशि एकमुश्त ही निकलती है। ऐसे में नकदी समाप्त होने का सवाल ही नहीं उठता है। काफी गाव तो ऐसे रहे जहा बुजुर्ग वितरण करने वालों के घरों पर दस से पंद्रह दिन तक चक्कर काटते रहते थे। यही नहीं फर्जीवाड़े की शिकायतें अधिक थी। बैंक से व्यवस्था होने से फर्जीवाड़ा समाप्त हो जाएगा। वहीं बुजुर्ग अब महीने में किसी भी दिन जा कर बैंक से पेंशन ले सकेंगे। बुजुर्ग देशराज और कश्मीरी लाल का कहना है कि बैंकों से जुड़कर बुजुर्गो की तमाम परेशानिया दूर होंगी। यही नहीं महीने में किसी भी रोज जाकर पेंशन ले सकेंगे। वहीं सरपंचों का भी कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से पेंशन वितरण बैंकों में ही होना चाहिए।
बैठने की व्यवस्था मिलेगी
अधिकाश बुजुर्गो की माने तो लगभग सभी गावो में पेंशन वितरण के समय पीने के पानी या बैठने का कोई प्रबंध नहीं होता है। बुजुर्ग जमीन पर बैठने को ही मजबूर होते है। सम्मान पेंशन एक बार तो अपमान पेंशन साबित होती थी। अब बैंकों में जहा पीने के पानी का प्रबंध मिलेगा वहीं बैठने की समुचित व्यवस्था मिलेगी। यही नहीं किसी भी दिन जाकर पेंशन ले सकेंगे। खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी बलबीर सिंह का कहना है कि इससे बुजुर्गो में बचत के प्रति भी लगाव बढ़ेगा। इससे बैंकों का कामकाज बढ़ेगा।