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विदेशी तर्ज पर चीड़ के पत्तों से बनेगा सामान

सतीश चौहान, कुरुक्षेत्र भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में चीड़ के पत्ते आग का कारण बनते हैं, लेकिन एक यु

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 10:00 PM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 10:00 PM (IST)
विदेशी तर्ज पर चीड़ के 
पत्तों से बनेगा सामान

सतीश चौहान, कुरुक्षेत्र

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भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में चीड़ के पत्ते आग का कारण बनते हैं, लेकिन एक युवक ने इसका तोड़ निकाला वो भी विदेश तर्ज पर। अब इन पत्तों की सफाई की दिक्कत न सिर्फ समाप्त होगी, बल्कि हस्तशिल्प से उत्पाद भी तैयार होंगे। वहीं आम घरों में प्रयोग होने वाले सामान बनाने से भारतीय बाजार में बिक्री संभव है।

पहाड़ी क्षेत्र में लाखों की संख्या में खड़े चीड़ के पेड़ों के नीचे पड़ी उसकी पत्तियां कई बार आग का कारण बनती हैं। ऐसे में रूरल मैनेजमेंट से एमबीए करने वाले विवेक शर्मा ने इसका तोड़ निकाल लिया। उन्होंने इंटरनेट पर सर्च कर इससे बचने के उपाय तलाश किए, जिसमें यूरोपीय देशों में इससे बनने वाले सामान के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने कनाडा में इस प्रकार के कार्य करने वाले हस्तशिल्पियों की तलाश भी इंटरनेट से ही की। विवेक ने अपने खर्च पर अलास्का से हस्तशिल्पी पामिला टेलस्की को भारत बुलाया। पामिला ने मात्र 15 दिनों की ट्रेनिंग के बाद करीब दो दर्जन महिलाओं को कार्य में पारंगत कर दिया। इन पत्तियों से घर में सजाने वाले और प्रयोग होने वाला सामान तैयार किया जो विवेक शर्मा ने इसको बेचने के लिए मतलोडगंज में एक शोरूम स्थापित कर दिया।

लगभग 25 परिवारों

को मिला रोजगार

विवेक शर्मा बताते हैं कि इस उद्योग से 25 परिवारों को रोजगार मिला है। वे इन महिलाओं को ट्रेनिंग देते हैं और पत्तियों से अलग कच्चा सामान भी। पत्तियां जंगल से महिला के परिवारजन चुनते हैं, जिससे तैयार होता है बेहतरीन सामान। इसे महिलाएं घर बैठे ही बनाती हैं। वे सिर्फ उनके घरों से यह सामान लेते हैं और बाजार में बेचने का प्रबंध करते हैं।

लगभग 15 प्रकार का

सामान होता तैयार

विवेक शर्मा ने बताया कि चीड़ की पत्तियों से बनने वाले सामान को उन्होंने हिमपाईन नाम दिया है। इसमें गमले, कटोरे, सर्विग ट्रे कई प्रकार की, फ्रूट बास्केट, टेबल मेट आदि कुल 15 उत्पाद तैयार होते हैं। इसकी कीमत 50 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक है। इस बार पहली बार विवेक शर्मा गीता जयंती समारोह में अपने हस्तशिल्प को दिखाने आए हैं।


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