गुलामी के मानसिक अवशेषों को उखाड़ना जरूरी : प्रो. चौहान
संवाद सहयोगी, बल्ला नए भारत के निर्माण के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को अमली जामा पहन
संवाद सहयोगी, बल्ला
नए भारत के निर्माण के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को अमली जामा पहनाने के लिए युवा पीढ़ी को मानसिक गुलामी के अवशेषों को उखाड़ फेंकना होगा। हरियाणा ग्रंथ अकादमी के डिप्टी चेयरमैन और ग्रामोदय अभियान के संयोजक प्रो. वीरेंद्र ¨सह चौहान ने आर्य कन्या गुरूकुल मोर माजरा में आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। स्वर्ण जयंती संवाद श्रृंखला के तहत आर्य कन्या गुरूकुल में कालेज छात्राओं, शिक्षकों और प्रबंध समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए प्रो. चौहान ने कहा कि स्वराज आने के बाद हमारी पुस्तकों में स्वाधीनता सेनानियों और स्वदेशी संस्कृति के श्रेष्ठ तत्वों को जो स्थान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला। वामपंथी और अंग्रेजपरस्त लेखकों और इतिहासकारों की जकड़ इतनी प्रभावी थी कि वे भगवान राम को काल्पनिक पात्र साबित करने में जुटे रहे और आजादी के दीवानों के लिए आतंकी जैसे शब्दों को उपयोग जारी रहा। मगर देश के जनमन ने हाल ही के वर्षो में जिस प्रकार राष्ट्रवादी विचारधारा की तरफ करवट ली है, उससे यह कालिमा छंटने लगी है। उन्होंने कहा कि जल्द पूर्ववर्ती व्यवस्था को बहाल करवाया जाएगा। इस अवसर पर गुरुकुल कमेटी के प्रधान मास्टर सूरजमल बांगड़, महासचिव सुखबीर मान, पूर्व प्रधान जगत¨सह मान, कमेटी मेंबर राम¨सह मान, दिलबाग ¨सह व मधुरलता मान मौजूद रहे।