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खेती को उद्योग का दिया जाए दर्जा : रतनमान

जागरण संवाददाता, करनाल : जो राजनीतिक दल किसान व मजदूर को कर्ज से मुक्ति दिलाएगा वही देश पर

By Edited By: Published: Sat, 21 Jan 2017 08:19 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jan 2017 08:19 PM (IST)
खेती को उद्योग का दिया जाए दर्जा : रतनमान
खेती को उद्योग का दिया जाए दर्जा : रतनमान

जागरण संवाददाता, करनाल : जो राजनीतिक दल किसान व मजदूर को कर्ज से मुक्ति दिलाएगा वही देश पर राज करेगा। अब तक सरकार करोड़ों रुपये उद्योगों पर कर्ज माफ कर चुकी है। सैकड़ों उद्योगों को बीमार उद्योग का दर्जा देकर उन्हें सर्वाइव करने के नाम पर फिर से करोड़ों रुपए दिए गए हैं। लेकिन किसानों को उभारने के लिए न तो सरकार ने कर्ज मुक्ति दी और न ही अन्य प्रकार की सहायता।

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किसान कृषि को घाटे का सौदा पीढ़ी दर पीढ़ी चलाता रहा। करोड़ों रुपये के कर्ज में फंसता गया। लेकिन सरकार किसान पर एनओसी के नाम पर अलग-अलग हंटर चलाती रही। अब किसान अपने ऊपर हो रहे शोषण व अत्याचार को सहन नहीं करेगा। अब किसान मजबूर नहीं है, बल्कि देश का भाग्य विधाता बनकर फिर से सत्ता की तामीर लिखेगा। किसान कर्ज मुक्ति यात्रा के 5वें दिन सीएम के गृह जिले में लगातार चल रही इस यात्रा की गूंज सत्ता के गलियारों के साथ-साथ राजनीतिक के गलियारों में भी उठ रही है। पिछले दिवस खुद वित्त मंत्री ने इस बात को स्वीकारा कि खेती घाटे का सौदा है क्योंकि वह खुद किसान के बेटे हैं। इसलिए उन्हें किसान के दर्द का एहसास है। लेकिन यह दर्द कितना उन्हें टीस देता है। यह तो उनकी कार्यशैली देखकर ही पता चलता है। यदि किसानों से इतना ही गहरा नाता है तो क्यों न कृषि को उद्योग का दर्जा दे देते। भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने बताया कि अब तक 70 सालों से किसानों का प्रयोग केवल वोट बैंक की तरह किया जाता रहा है। सत्ता में आने के लिए किसानों को सीढ़ी बनाया और सत्ता में आने के बाद किसानों को भुला दिया। किसानों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि भाजपा सत्ता में आने से पहले स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट की बात करती थी। लेकिन सत्ता में आने के बाद वह इस बात को भूल गई। रतनमान ने शेरगढ़ टापू, महमूदपुर, शर्फाबाद माजरा में हजारों किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जब भी किसान के साथ विश्वासघात हुआ है। बड़े आन्दोलन ने जन्म लिया है। कई सरकारों ने इसका खामियाजा भुगता है। शनिवार को यह यात्रा इंद्री से निकलकर शेरगढ़ पहुंची। किसानों ने शपथ ली कि किसानों को कर्ज मुक्त करवाएंगे। कई गांवों में पदयात्रा भी निकाली गई। इस अवसर पर जिला सरंक्षक मेहताब कादियान, जिलाध्यक्ष बाबूराम बड़थल, खंड प्रधान सतीश कलसौरा, जिला प्रवक्ता सुरेंद्र सांगवान, नेकी राम गढ़ीबीरबल, सतबीर मढ़ान, सुरेश कांबोज, सतपाल बड़थल, जागीर ¨सह शेरगढ़ टापू, ईश्वर ¨सह, सुरेंद्र कुमार, करनैल ¨सह, राजाराम, पालाराम, संजीव कुमार, अमित नंबरदार, रामलाल, बशेसर ¨सह, विजय पाल, इलम ¨सह महमदपुर, जागीर ¨सह, बबला, रामपाल, शाकीन, गौरव, संदीप, ज्ञान ¨सह, बल ¨सह, विक्रम, प्रधान सोहन ¨सह, सोहन लाल, उदय ¨सह, जिले ¨सह, निहाल ¨सह, गणेशदास, विनोद, अमित व जय नारायण मौजूद रहे।

दहाड़ किसान महापंचायत के लिए दिया न्योता

भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने विभिन्न गांवों में कर्ज मुक्त यात्रा के दौरान तीन मार्च को करनाल में होने वाली दहाड़ किसान महापंचायत का न्योता दिया। इस पंचायत में यूपी, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र से किसान नेता आ रहे हैं। इस दौरान बड़े आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। किसान मजदूर कर्ज मुक्ति यात्रा करनाल खंड में रविवार को शेखपुरा सोहना से अपना सफर शुरू करेगी। यह यात्रा ढाकवाला गुजरान, ढाकवाला रोड़ान समेत अन्य गांवों में होकर फूसगढ़ गांव में यात्रा का समापन होगा। यह जानकारी सुरेंद्र सांगवान ने दी।


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