¨सथेटिक ट्रैक और एस्ट्रोटर्फ की सौगात एक साथ
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फोटो----12 नंबर है।
0 कर्ण स्टेडियम में ¨सथेटिक ट्रेक के लिए पहली किस्त के रूप में दो करोड़ की राशि आई, पीडब्ल्यूडी को जिम्मेदारी
6 लेन का ¨सथेटिक ट्रैक बनाने की पहले थी योजना
8 लेन का ¨सथेटिक ट्रैक अब बनाया जाएगा
13.65 लाख से स्कवैश कोर्ट के कायाकल्प का काम भी हुआ शुरू
जागरण संवाददाता, करनाल
कर्ण स्टेडियम में ¨सथेटिक ट्रैक और एस्ट्रोटर्फ की सौगात एक साथ खिलाड़ियों को मिलेगी। हेड आफिस ने ¨सथेटिक ट्रैक के लिए दो करोड़ रुपये की राशि की पहली किस्त जारी कर दी है। जल्द ही शेष राशि भी विभाग के खाते में आने की उम्मीद है। बस खेल विभाग हरियाणा के पास ¨सथेटिक ट्रैक के साथ गए एस्ट्रोटर्फ के नक्शे को और हरी झंडी मिल जाए। दरअसल कर्ण स्टेडियम में आठ लेन के ¨सथेटिक ट्रैक के साथ ही एस्ट्रोटर्फ बनाना मजबूरी है। ¨सथेटिक ट्रैक के बाद बीच में बची कच्ची जगह से दिक्कत होगी। इसलिए हॉकी खिलाड़ियों के लिए एस्ट्रोटर्फ भी साथ ही बनाने योजना तैयार की गई है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मानें तो दोनों का नक्शा तैयार करने के आर्किटेक्ट से पास कराकर इसे खेल विभाग के डिप्टी डायरेक्टर के पास अप्रूवल के लिए भेज दिया गया है। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद एस्टीमेट तैयार कर टेंडर के बाद वर्क अलॉट कर दिया जाएगा। ¨सथेटिक ट्रैक सीएम की घोषणा होने के उम्मीद है कि तेजी से काम पूरा होगा।
पहले हुडा ने बनाया था एस्टीमेट
डीसी मंदीप ¨सह बराड़ ने कर्ण स्टेडियम के जीर्णोद्धार के लिए कमेटी गठित कर रखी है। नगर निगम आयुक्त डॉ. आदित्य दहिया की अध्यक्षता वाली कमेटी ने शुरुआत में ¨सथेटिक ट्रैक व एस्ट्रोटर्फ के एस्टीमेट का जिम्मा हुडा को सौंपा था। हुडा ने ¨सथेटिक ट्रैक पर 4.09 करोड़ व एस्ट्रोटर्फ पर 6.86 करोड़ की लागत सहित कुल 10.95 करोड़ का एस्टीमेट तैयार किया था। लेकिन अब पीडब्ल्यूडी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसलिए एस्टीमेट में फेरबदल हो सकता है। आठ लेन के ¨सथेटिक ट्रैक पर राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं भी हो सकेंगी।
कंडम स्कवैश कोर्ट का जीर्णोद्धार शुरू
करीब दो साल से बंद पड़े कर्ण स्टेडियम के कंडम स्कवैश कोर्ट का भी जीर्णोद्धार शुरू हो चुका है। जल्द ही इसका आधुनिक रूप में सबके सामने होगा। हेड आफिस से हरी झंडी और 13.65 लाख रुपये आने के बाद पीडब्ल्यूडी ने आनलाइन टेंडर के बाद इसका वर्क अलॉट कर दिया था। सोमवार को ठेकेदार ने अपना काम शुरू कर दिया है। दावपा है कि तीन महीने में स्कवैश कोर्ट के कायाकल्प का काम पूरा हो जाएगा।
यह मिलेंगी सुविधाएं
स्कवैश कोर्ट में खिलाड़ियों को आधुनिक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। इसे राष्ट्रीय मापदंडों के आधार पर बनाया जाएगा। कोर्ट का धरातल लकड़ी का होगा। खिलाड़ियों के सामने सामान्य दीवार होगी। इस पर टकराने के बाद बॉल साथ ही खड़े प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी के पास जाएगी। खिलाड़ियों के बीच स्कवैश की जंग को दर्शक मजबूत शीशों की दीवार से निहारेंगे। चारों ओर से बंद कोर्ट से गेंद आसानी से बाहर नहीं जाएगी। खिलाड़ियों के ठीक पीछे दीवार के ही समकक्ष रेफरी के बैठने के लिए स्थान होगा।
वर्जन
फोटो---नंबर है।
स्कवैश कोर्ट के लिए 13.65 हजार रुपये आने के बाद दो दिन पहले ही ¨सथेटिक ट्रैक के लिए दो करोड़ रुपये आए हैं। स्कवैश कोर्ट की मरम्मत का कार्य शुरू हो चुका है। जल्द ही ¨सथेटिक ट्रैक की सुविधा भी खिलाड़ियों को मिल जाएगा। एस्ट्रोटर्फ के लिए उच्च अधिकारियों की जो आदेश होंगे वैसा ही होगा।
सत्यदेव मलिक, जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी, करनाल
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¨सथेटिक ट्रैक के साथ ही एस्ट्रोटर्फ का नक्शा भी खेल विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को भेजा गया है। केवल ¨सथेटिक ट्रैक बिछाने के बाद बीच में खाली जगह से काफी दिक्कत होगी। इसलिए साथ के साथ एस्ट्रोटर्फ भी बनाया जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही खेल विभाग से हडी झंडी मिल जाएगी और आगामी कार्रवाई शुरू की जा सकेगी।
नरेंद्र मलिक, जेई, पीडब्ल्यूडी