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1947 में ही मिल जानी चाहिए थी तीन तलाक से आजादी

जागरण संवाददाता, करनाल एसएस इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में तीन तलाक और नारी स

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 May 2017 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 29 May 2017 03:00 AM (IST)
1947 में ही मिल जानी चाहिए थी तीन तलाक से आजादी
1947 में ही मिल जानी चाहिए थी तीन तलाक से आजादी

जागरण संवाददाता, करनाल

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एसएस इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में तीन तलाक और नारी सशक्तिकरण पर सेमिनार का आयोजन किया गया। अभिभावकों ने कहा कि 1947 में देश की आजादी के साथ ही तीन तलाक से भी आजादी मुस्लिम महिलाओं को मिल जानी चाहिए थी। इस दौरान कई सरकार आई, लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। तीन तलाक नारी सम्मान पर सीधा हमला है। इस प्रथा को अब बंद करने की जरूरत है। विडंबना है कि पढ़ी लिखी मुस्लिम महिलाएं भी इसे मानने को मजबूर हैं। उन्हें धर्म के नाम पर डराया जाता है। जबकि कुरान, गीता, बाइबल व अन्य किसी धर्म की किताब में ऐसा नहीं लिखा है। स्कूल के निदेशक संदीप कक्कड़ ने कहा कि भावी पीढ़ी इस विषय में सचेत रहेगी। स्कूल की प्रधानाचार्या सुमनदीप ने कहा कि मुस्लिम समाज को यह मानना चाहिए कि नारी देश की शक्ति है। उसे उसका सम्मान और हक मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभिभावकों के विचार लिखित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाए जाएंगे, ताकि तीन तलाक का मसला समाप्त हो सके।


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