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दुकानदारों की टेंशन खत्म, अब दो प्रूफ देकर बनवाएं ट्रेड लाइसेंस

जागरण संवाददाता, करनाल ट्रेड लाइसेंस बनवाने के लिए दुकानदारों को दस्तावेजों की लंबी लिस्ट

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Sep 2017 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 20 Sep 2017 03:01 AM (IST)
दुकानदारों की टेंशन खत्म, अब दो प्रूफ देकर बनवाएं ट्रेड लाइसेंस
दुकानदारों की टेंशन खत्म, अब दो प्रूफ देकर बनवाएं ट्रेड लाइसेंस

जागरण संवाददाता, करनाल

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ट्रेड लाइसेंस बनवाने के लिए दुकानदारों को दस्तावेजों की लंबी लिस्ट की टेंशन नहीं सताएगी। केवल दो दस्तावेज देकर ही उनका काम हो जाएगा। पहले ट्रेड लाइसेंस के लिए 11 प्रकार के दस्तावेज जमा कराने जरूरी थे। इस झंझट को देखकर अक्सर दुकानदार इससे कन्नी काट जाते थे। इसका नुकसान स्थानीय निकाय को होता था, लेकिन अब केवल आइडी प्रूफ व दुकान का रेंट एग्रीमेंट या प्रॉपर्टी के दस्तावेज दिखाकर ही लाइसेंस बन जाएगा। आइडी प्रूफ अनिवार्य होगा। जबकि दुकान के रेंट एग्रीमेंट या प्रॉपर्टी के दस्तावेज में एक दस्तावेज देना होगा। शहरी स्थानीय निकाय विभाग हरियाणा ने हाल ही में 13 सितंबर को इस संबंध में पत्र जारी किया है। प्रक्रिया बेहद आसान होने के बाद भी यदि कोई दुकान का ट्रेड लाइसेंस नहीं बनवाएगा तो उस पर गाज गिरना तय है। शहर की सभी दुकानों के पास ट्रेड लाइसेंस हों तो नगर निगम के खजाने में हर साल करीब 5 करोड़ रुपये आएंगे। फिलहाल इससे साल में केवल 30 से 33 लाख की आमदनी हो रही है। यानि हर साल करीब 4.70 करोड़ का फटका लग रहा है। जिस हिसाब से आए दिन नई दुकानें व शोरूम खुल रहे हैं तो घाटे का यह ग्राफ इससे कहीं ज्यादा हो सकता है। इसे देखते हुए ही नियमों को सरल बनाया गया है।

दुकानें 30 हजार, ट्रेड लाइसेंस 2000 के पास

करनाल नगर निगम क्षेत्र की करीब 30 हजार दुकानें हैं। हैरानी की बात यह है कि इनमें से केवल 2000 दुकानदारों के पास ही ट्रेड लाइसेंस है। यानि शहर में करीब 28 हजार दुकानें आज भी बिना लाइसेंस के अवैध रूप से चल रही हैं। नियमों के हिसाब से ट्रेड लाइसेंस जरूरी है, लेकिन करनाल में दुकानदार इसे गंभीरता से नहीं ले रहे। नियमों की अवहेलना करने पर निगम दुकान भी सील कर सकता है। कुछ साल पहले केवल 800 दुकानदारों के पास ही ट्रेड लाइसेंस था।

2016-17 में दुकानदारों से आए रिकार्ड 33 लाख

वित्त वर्ष 2016-17 में दुकानदारों से रिकार्ड 33 लाख रुपये ट्रेड लाइसेंस फीस के रूप में वसूले गए थे। जो अब तक का रिकॉर्ड है। वर्ष 2015-16 में ट्रेड लाइसेंस फीस के रूप में महज 8 लाख रुपये ही निगम को मिले थे, जबकि इससे पहले ट्रेड लाइसेंस से होने वाली आमदनी न के बराबर थी। नगर निगम को उम्मीद है कि मौजूदा वित्त वर्ष में 30 लाख रुपये की आमदनी इससे होगी, लेकिन अब नियम में ढील से यह ग्राफ कई गुना बढ़ सकता है। बशर्ते अधिकारी इसमें और सख्ती बरतें।

पहले यह दस्तावेज थे जरूरी

1. अग्निशमन विभाग की एनओसी

2. पिछले तीन वित्तीय वर्षों के वास्तविक टर्नओवर (सीए से प्रमाणित प्रतिलिपि) (यू/एस 330 लाइसेंस के लिए आवेदन करने के मामले में अनिवार्य)

3. फर्म का रजिस्ट्रेशन नंबर

4. संपत्ति कर की रसीद

5. दुकान का नक्शा पास करवाने का पत्र

6. किराया, लीज, करार या दुकान के स्वामित्व का प्रमाण पत्र

7. लाइसेंस फीस

8. आवेदक की फोटो

9. पहले ट्रेड लाइसेंस है तो उसकी कॉपी

10 व्यावसायिक इमारत के रूप में परिसर के लिए व्यवसाय प्रमाणपत्र।

11. सिविल सर्जन से एनओसी। (लाइसेंस यू/एस 335 और 336 के लिए आवेदन करने के मामले में अनिवार्य)

वर्जन

दुकानदारों की सहूलियत के लिए ट्रेड लाइसेंस के नियम सरल किए गए हैं। दुकानदारों को इसका फायदा उठाना चाहिए। नगर निगम की आमदनी बढ़ाने पर हमारा फोकस है, ताकि अधिक से अधिक विकास हो सके। जो दुकानदार लाइसेंस नहीं बनवाएंगे उन पर उचित कार्रवाई करेंगे।

डॉ. प्रियंका सोनी, आयुक्त नगर निगम करनाल


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