सात दिन का दावा, 5 महीने में तैयार किया नक्शा
जागरण संवाददाता, करनाल 14 साल से लटके डेयरी शि¨फ्टग प्रोजेक्ट की नगर निगम को फिर याद अ
जागरण संवाददाता, करनाल
14 साल से लटके डेयरी शि¨फ्टग प्रोजेक्ट की नगर निगम को फिर याद आई। एससी गाड़ी में अधिकारी मौके पर पहुंचे। मुआयना किया और हर बार की तरह वापस लौट आए। दावा किया कि डेयरी संचालकों की मांग के अनुसार नया नक्शा तैयार हो चुका है। मेयर रेनू बाला गुप्ता को नया ले आउट दिखाने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी। कुछ ऐसा ही दावा जनवरी में भी किया गया था। कहा गया था कि एक सप्ताह में बड़े प्लाटों का नक्शा तैयार कर लिया जाएगा। लेकिन यह पांच महीने बाद मई में बनकर तैयार हुआ। स्मार्ट नगर निगम की रफ्तार इतनी मंद होना सवाल खड़े करता है। इसमें कोई दोराय नहीं की कर्मचारी कम हैं, लेकिन अहम योजनाओं में इतनी देरी भी तो सही नहीं।
222 की बजाय अब देंगे 189 प्लाट
नगर निगम ने डेयरियों को शहर से बाहर करने के लिए ¨पगली गांव में 23 करोड़ रुपये से 32 एकड़ पंचायती जमीन खरीदी थी। शुरुआत में यहां कुल 230 प्लॉट बनाने की योजना थी। इसमें से 222 प्लॉट पशु डेयरियों व 8 प्लॉट अन्य कार्य के लिए बनाए जाने थे। पहले नक्शे में 250 वर्ग गज के प्लाट ज्यादा थे। डेयरी संचालक 500 व 350 वर्ग गज के प्लाट अधिक देने की मांग उठाई। इसलिए अब 189 प्लाट का नक्शा बनाया है। इसमें 250 गज (10 मरले) के 79, 350 गज (14 मरले) के 29, 400 गज (16 मरले) के 33, 500 गज (20 मरले) के 43 और 1 कनाल के 05 प्लॉट रखे गए हैं।
दैनिक जागरण ने उठाया मुद्दा तो आई याद
दैनिक जागरण ने 26 मई के अंक में धरातल पर धड़ाम एसी हॉल में बनी योजनाएं शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसमें शहर के अन्य प्रोजेक्ट के साथ ही 14 साल से लटके डेयरी शि¨फ्टग का मुद्दा भी उठाया गया था। फजीहत होती देख नगर निगम के अधिकारी हरकत में आ गए। सोमवार को निगम आयुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने ¨पगली गांव में साईट का निरीक्षण किया। कार्यकारी अभियंता रामजी लाल, सहायक अभियंता मुकेश शर्मा व जूनियर इंजीनियर सुशील शर्मा भी उनके साथ रहे। आयुक्त ने स्ट्रोम वाटर व सीवरेज के लिए बिछाई गई पाईप लाईनों को देखा। कार्य सही मिला तो ठेकेदार की फाइनल पेमेंट देने के ऑडर कर दिए।
इधर, डेयरी संचालक आवेदन नहीं कर रहे
नियम के अनुसार ¨पगली गांव में प्लाट लेने के लिए डेयरी संचालक को पहले नगर निगम में आवेदन करना होगा। 30 हजार की अग्रिम राशि भी जमा कराना जरूरी है। इसके बाद ड्रा के माध्यम से प्लाट आवंटित होंगे, लेकिन इक्का-दुक्का को छोड़कर किसी ने अभी तक आवेदन नहीं किया। जबकि 2015 के सर्वे के अनुसार शहर में 154 डेयरी संचालक थे। मौजूदा समय में इनकी संख्या अधिक हो सकती है। नगर निगम के सेक्रेटरी बल ¨सह के अनुसार अब आवेदन के लिए तिथि निर्धारित की जाएगी। इसके बाद भी जो आवेदन नहीं करेगा उसके खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई होगी।
वर्जन
जेई सुशील शर्मा को इसी काम पर लगाया गया है। ¨पगली गांव में खरीदी गई जमीन पर जन स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही दो नलकूप लगा दिए गए हैं। बिजली निगम ने अलग से फीडर लाईन भी खींच दी है। अधिकतर सड़कें भी बनाई जा चुकी हैं। डेयरियां शुरू होते ही बिजली का ट्रांसफार्मर रखवा दिया जाएगा। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बाद में बनवाया जाएगा।
डॉ. आदित्य दहिया, आयुक्त, नगर निगम, करनाल।