बारिश की मार के बाद भी देश में रिकार्ड गेहूं उत्पादन, देखें किस राज्य का कितना योगदान
बेमौसमी बारिश के बावजूद इस बार देश में रिकार्ड गेहूं उत्पादन हुआ है। सर्वाधिक योगदान हरियाणा पंजाब उत्तर प्रदेश राजस्थान मध्य प्रदेश व बिहार का रहा।
करनाल [प्रदीप शर्मा]। बेमौसमी बारिश के बावजूद हमारे किसानों ने अपने श्रम से गेहूं उत्पादन के सारे रिकार्ड तोड़ दिए और 2019-20 में 107.17 मिलियन टन गेहूं पैदा किया। पिछले चार साल में देश में हुए गेहूं उत्पादन की तुलना की जाए तो इस बार यह सबसे अधिक है। देश के कुल उत्पादन का करीब 90 फीसद गेहूं छह राज्यों हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार से हुआ है।
मार्च और अप्रैल माह में जिस प्रकार से रुक-रुककर बेमौसमी बरसात हो हुई थी, किसानों को उत्पादन कम होने का डर सता रहा था, लेकिन भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों ने भविष्यवाणी की थी कि इस बार बंपर उत्पादन होगा। और वही हुआ। देश में रिकार्ड गेहूं उत्पादन ने अन्न के भंडार भर दिए।
तीन किस्मों का अहम योगदान
देश में गेहूं के हुए बंपर उत्पादन में एचडी-2965, एचडी-3086 व डीबीडब्ल्यू-187 वैरायटी का अहम योगदान रहा है। भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के मुताबिक इन तीनों किस्मों की बिजाई सबसे अधिक हुई है। उसके रिजल्ट भी अच्छे आए हैं। फसल में बीमारियां नहीं आई। इस वर्ष 30.5 मिलियन हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की गई थी।
पांच साल में गेहूं उत्पादन की स्थिति
वर्ष | उत्पादन मिलियन टन में |
2015-16 | 92287.53 |
2016-17 | 98518.22 |
2017-18 | 99870 |
2018-19 | 103596.2 |
2019-20 | 107179.3 |
(नोट : ये आंकड़े भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान की ओर से जारी किए गए हैं।)
इस वर्ष रिकार्ड उत्पादन में किस राज्य का कितना योगदान
राज्य | उत्पादन मिलियन टन में |
उत्तर प्रदेश | 32089.2 |
मध्य प्रदेश | 18583.1 |
पंजाब | 18206.5 |
हरियाणा | 12072 |
राजस्थान | 10573 |
बिहार | 6545 |
गुजरात | 3261 |
महाराष्ट्र | 2076.1 |
उत्तराखंड | 1002.4 |
पश्चिम बंगाल | 582.8 |
हिमाचल प्रदेश | 564.6 |
झारखंड | 430.6 |
कर्नाटक | 207.9 |
छत्तीसगढ़ | 143.7 |
असम | 23.4 |
उड़ीसा | 0.2 |
कुल गेहूं उत्पादन में हरियाणा चौथे नंबर पर
देश में कुल 16 राज्यों में गेहूं उत्पादन होता है। कुल उत्पादन की बात की जाए तो हरियाणा चौथे नंबर पर आता है। जबकि प्रति हेक्टेयर गेहूं उत्पादन में पंजाब के बाद दूसरा स्थान है। वहीं सबसे कम गेहूं उत्पादन वाले राज्यों में असम व उड़ीसा शामिल है। यहां आंशिक ही गेहूं होता है।
हमारे पास प्रचुर मात्रा में खाद्यान्न भंडार
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. ज्ञानेंद्र प्रताप ङ्क्षसह ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के गंभीर खाद्य संकट का बयान समझ से परे है। हमारे देश में खाद्यान्न का कोई संकट नहीं है। बल्कि हमारे देश में खाद्यान्न इतना है कि हम निर्यात कर सकते हैं। चाहे गेहूं के उत्पादन हो या धान या फिर दाल। हमारे देश के किसान कठिन परिश्रम कर देश को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। कोविड-19 महामारी में करोड़ों लोगों को सरकार ने निशुल्क भोजन उपलब्ध कराया है। यह तभी संभव हुआ है जब हमारे पास खाद्यान्न भरपूर है।
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