प्रदर्शन कर तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
संवाद सहयोगी, इंद्री : मिड डे मील वर्कर्स और आशा वर्कर्स यूनियन से जुड़ी कर्मचारियों ने इंद्री
संवाद सहयोगी, इंद्री : मिड डे मील वर्कर्स और आशा वर्कर्स यूनियन से जुड़ी कर्मचारियों ने इंद्री में प्रदर्शन कर अपनी मांगों का ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने बिजली बोर्ड के आफिस में बैठक कर जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन की अध्यक्षता मिड-डे मील वर्कर्स की प्रधान शिमला देवी व आशा वर्कर्स यूनियन की प्रधान सुदेश रानी ने की। सर्व कर्मचारी संघ के खंड प्रधान मलकीत ¨सह ने वर्करों को संबोधित किया।
शिमला देवी व सुदेश ने कहा कि हरियाणा व केंद्र सरकार द्वारा परियोजनाओं में कार्य करने वाली मिड डे मील वर्कर, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्पर, मदर ग्रुप हरियाणा का शोषण हो रहा है। उनकी मांग है कि परियोजना को सरकारी किया जाए क्योंकि यह स्थाई काम है। वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये लागू किया जाए। 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुसार सुरक्षा, पेंशन, बीमा लागू किया जाए, परियोजनाओं के बजट में कटौती नहीं करके इसे बढ़ाया जाए, सभी वर्करों को वर्दी दी जाए। मिड डे मील वर्करो को पूरे 12 महीने का वेतन, केंद्र सरकार द्वारा लागू एक हजार रुपये तुरंत लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस हड़ताल के बाद भी मांगों पर विचार करके लागू नहीं किया तो आने वाले समय में इसका भुगतान सरकार को करना पड़ेगा। कर्मचारी नेता मलकीत ¨सह ने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर, मिड डे मील वर्कर व आशा वर्कर्स पूरे देश की परियोजनाओं में काम करती हैं। इसलिए पूरे देश में करोड़ों की संख्या में वर्कर हड़ताल पर हैं। इसी उद्देश्य को लेकर इंद्री ब्लॉक की सभी वर्कर्स एकत्रित हुई हैं। क्योंकि इनकी मांगों पर सरकार कोई बातचीत नहीं कर रहीं है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू किया गया हैं लेकिन इनके लिए कुछ नहीं हैं। परियोजनाओं की अगर बात करते हैं तो परियोजना कह कर इन्हें टाल दिया जाता हैं। इस अवसर पर समेरो, गीता, सुनीता, कमलेश, संतोष, सीमा, निर्मला, पूनम, राजकली, बाला, शक्ति देवी, लक्ष्मी देवी, सुषमा, नीलम, जय देव, दर्शना, बिमला, सलोचना, कुसुम, रानी, परमजीत, सरोज, बबली व शहनाज मौजूद रही।