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करनाल के दो लाल, एशिया डीफ क्रिकेट कप में दिखाएंगे कमाल

जागरण संवाददाता, करनाल करनाल के दो लाल तीसरे एशिया डीफ क्रिकेट कप में अपना कमाल दिख

By Edited By: Published: Wed, 15 Feb 2017 01:06 AM (IST)Updated: Wed, 15 Feb 2017 01:06 AM (IST)
करनाल के दो लाल, एशिया डीफ क्रिकेट कप में दिखाएंगे कमाल
करनाल के दो लाल, एशिया डीफ क्रिकेट कप में दिखाएंगे कमाल

जागरण संवाददाता, करनाल

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करनाल के दो लाल तीसरे एशिया डीफ क्रिकेट कप में अपना कमाल दिखाएंगे। दिव्यांग लोकेश रावल व कुलदीप देश की मूक बधिर क्रिकेट टीम में चयन हो चुका है। सात से नौ फरवरी को लुधियाना में हुए ट्रायल में हरियाणा से मात्र दो क्रिकेटर देश की टीम में चुने गए। गर्व की बात है कि दोनों ही करनाल जिले से हैं। करनाल के यह होनहार खिलाड़ी बचपन से ही बोल व सुन नहीं सकते। लोकेश रावल घरौंडा खंड के गांव कोहंड में रहता है। कुलदीप इंद्री से है और आर्मी में अपनी सेवाएं दे रहा है। दोनों दिव्यांग कई बार अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं। अभी हाल ही में करनाल के दिव्यांग तलवारबाज भी छत्तीसगढ़ में हरियाणा को ओवरऑल चैंपियन का खिताब दिला चुके हैं। अब दिव्यांग क्रिकेटरों से उम्मीद है कि यह देश की टीम को एशिया कप दिलाएंगे। जिले के दो खिलाड़ियों के देश की टीम में चुने जाने पर जिले के लोगों में खुशी की लहर है।

छह देशों के बीच होगी टक्कर

मूक-बधिर टीम का यह तीसरा एशिया डीफ क्रिकेट कप 27 फरवरी से 4 मार्च तक हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम उपल में होगा। इसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान व नेपाल की टीम हिस्सा लेंगी। लोकेश रावल ने बताया कि गुजरात के इमरान की कप्तानी में देश की टीम मैदान में उतरेगी। लोकेश की मानें तो एशिया कप में सभी टीमें धुरंधर हैं। इसलिए हर मैच कांटे का होगा। करनाल के दोनों खिलाड़ियों को पूरा विश्वास है कि देश की टीम एशिया कप की चैंपियन बनेगी।

पाकिस्तान व दुबई में लहराया परचम

कोहंड गांव में जन्मे आलराउंडर खिलाड़ी लोकेश ने अप्रैल 2015 में पाकिस्तान शुरू हुए टी-20 बधिर एशिया कप में 11 विकेट चटकाने के साथ ही 41 रन का अधिकतम स्कोर भी बनाया था। इसके बाद दुबई में होने वाली बधिर क्रिकेट प्रतियोगिता में भी उसने उम्दा प्रदर्शन किया था। ग्रीस में आयोजित टी-20 क्रिकेट प्रीमियर लीग में भी शानदार प्रदर्शन कर चुका है। व‌र्ल्ड कप में पाकिस्तान के साथ फाइनल मैच में लोकेश ने 11 विकेट चटकाए थे और 41 रनों की यादगार पारी भी खेली थी। लोकेश क्रिकेटर के साथ ही बेहतरीन एथलीट भी है। स्कूल स्तरीय प्रतियोगिताओं में वह हमेशा अव्वल रहा है।

परिजन बोले, हमें अपने लाल पर नाज

मां संतोष देवी व पिता बलबीर ¨सह ने कहा कि उन्हें अपने लाल लोकेश पर नाज है। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार देश का नाम रोशन कर चुका है। पूरी उम्मीद है कि इस बार भी बेहतरीन बल्लेबाजी व गेंदबाजी करेगा। दुख इस बात का है कि देश की टीम में खेलने के बाद भी लोकेश को वह सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं जिनका वह हकदार है। देश की सामान्य क्रिकेट टीम में होता तो आज वह करोड़ों में खेलता, लेकिन दिव्यांग होने के कारण हर बार वह अपने खर्च पर खेलने जाता है। सरकार को दिव्यांग खिलाड़ियों को भी सुविधाएं मुहैया करवानी चाहिए। पाक में खेलने के लिए करीब 20 हजार रुपये घर से खर्च किए थे। लेकिन मिला कुछ नहीं। फिर दुबई जाने के लिए करीब एक लाख रुपये जमा करवाए। जीतने के बाद भी यहां से लोकेश खाली हाथ ही लौट


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