धरने पर निगम के ठेकेदार, थमी विकास की रफ्तार
जागरण संवाददाता, करनाल : 12 प्रतिशत कमीशन के खिलाफ ठेकेदारों की सर्जिकल स्ट्राइक से नगर
जागरण संवाददाता, करनाल : 12 प्रतिशत कमीशन के खिलाफ ठेकेदारों की सर्जिकल स्ट्राइक से नगर निगम की चूल हिल गई है। लामबंद ठेकेदारों की हुंकार से हर कोई सहमा सा है। डंके की चोट पर भ्रष्टाचार के आरोप जड़ने के बाद शुक्रवार को ठेकेदारों ने नगर निगम में धरना शुरू कर दिया। इससे स्मार्ट सिटी में विकास की रफ्तार थम गई। छोटा और बड़ा हर विकास कार्य रुकने से लोगों में गुस्सा है। कमीशन के खेल का नुकसान भी जनता को ही होगा।
ठेकेदारों के विरोधी तेवर देख एसी में भी अधिकारियों व कर्मचारियों को पसीने आ रहे हैं। इधर शहर में दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। आरोपियों का ध्यान भी काम में कम और ठेकेदारों के खेमे पर अधिक रहा। इधर नगर निगम कार्यालय में बाहर और अंदर का माहौल गर्म है। कार्यदिवस होने के बावजूद नगर निगम के सिपहसलारों की अधिकतर कुर्सियां खाली रही। बाहर जोरदार नारेबाजी और कार्यालय में छुट्टी के जैसा माहौल दिखाई दिया। दिनभर इसी मुद्दे पर कानाफूसी हुई, लेकिन सवाल दागे गए तो कोई बोलने को तैयार नहीं है। नगर निगम में ऐसा माहौल शायद ही किसी ने पहले देखा हो। भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की बात कहने वाली भाजपा पर अब सभी की निगाहें हैं।
ठेकेदार बोले, एक्सईएन के कब्जे में फाइलें
विवादों में आए नगर निगम के एक्सईएन अब ठेकेदारों की सर्जिकल स्ट्राइक का जवाब देने में जुटे हैं। ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि उन्होंने सभी फाइलों को अपने कब्जे में ले लिया है। वह दिन रात एक करके अब उनमें खामियां खोजने में जुटे हैं, ताकि पता जवाब दे सकें कि आखिर फाइलों को क्यों रोका गया है। इधर नगर निगम आयुक्त के आदेश के बाद शुक्रवार को जांच की गई कि आखिर ठेकेदारों की फाइल कहां रुकी हैं। अकाउंट ब्रांच में पूछताछ जारी रही।
आयुक्त की मानें तो कुछ दिन पहले भी ठेकेदारों ने फाइल की लिस्ट दी थी और इनकी जांच करवाई गई थी। इसमें एक काम के सैंपल फैल आए थे जबकि अन्य फाइलों को पास कर दिया गया था।
सत्तापक्ष के साथ ही विपक्ष में भी छाया मुद्दा
भ्रष्टाचार की परतें खुलने का मुद्दा सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष में भी गर्माया हुआ है। सीएम दरबार में भी मामले पर चर्चाओं का दौर जारी है। सीएम सिटी में भ्रष्टाचार के आरोप सामने आने के बाद से ही सबका ध्यान इस मामले पर है। भ्रष्टाचार कम करने की बात कहने वाली भाजपा के लिए करनाल का मुद्दा गले की फांस बन सकता है। विपक्ष इस मामले पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
विधानसभा सत्र में यह मामला गूंज सकता है। इसलिए प्रदेश सरकार भी अलर्ट है और मामले पर पूरी निगाह रखे हुए है।
एक्सईएन के तबादले की अफवाह
नगर निगम में कमीशन के आरोप के बाद से ही माहौल बदला-बदला सा है। हर कोई भ्रष्टाचार की गहराइयों का अनुमान लगाने में जुटा है। दोपहर के समय खबर आई कि सबसे अधिक विवादों में आए नगर निगम एक्सईएन महिपाल ¨सह का तबादला हो गया है। इस पर पूरा दिन वाद विवाद हुए। लेकिन शाम तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकती। नगर निगम आयुक्त ने भी ऐसे कोई आदेश नहीं आने की बात कही। दरअसल उक्त एक्सईएन को ठेकेदारों ने भ्रष्टाचारी गैंग का सरगना बताते हुए सबसे अधिक आरोप जड़े थे।