एनजीटी के आदेश, फुटपाथ से अतिक्रमण हटाओ, सीएम सिटी में सरकारी विभागों का ही कब्जा
जागरण संवाददाता, करनाल : फुटपाथ, यानी पैदल चलने वालों के लिए अलग से रास्ता। बनाए इसलिए गए थे
जागरण संवाददाता, करनाल : फुटपाथ, यानी पैदल चलने वालों के लिए अलग से रास्ता। बनाए इसलिए गए थे कि सड़क पर सरपट दौड़ रहे वाहनों के बीच लोगों को पैदल नहीं चलना पड़े। वाहन चालक और पैदल पथिक दोनों का सफर सुरक्षित रहे। लेकिन हकीकत में इनका प्रयोग किसलिए हो रहा है यह शायद बताने की जरूरत नहीं है। फुटपाथ पर कब्जा आम हो गया है। सीएम सिटी में सरकारी विभागों ने ही इसे लोगों से छीन लिया है। कहीं बोर्ड लगाकर तो कहीं सांझी साइकिल के स्टैंड फुटपाथ पर बनाकर। दैनिक जागरण शुरुआत से इन्हें कब्जा मुक्त करने की मुहिम चला रहा है। आम आदमी की आवाज को प्रशासन हर बार अनदेखा करता आया है। लेकिन अब एनजीटी इस पर सख्त हो गया है। एनजीटी ने हाल ही में शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय के माध्यम से प्रदेश के सभी स्थानीय निकायों को पत्र जारी किया है। इसमें बढ़ रहे वायु प्रदूषण से निपटने पर फोकस किया गया है तो साथ ही फुटपाथ को भी अतिक्रमण मुक्त करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। अब उम्मीद जगी है कि दैनिक जागरण की मुहिम रंग लाएगी और पैदल चलने वालों का हक उसे मिलकर रहेगा।
फोटो---38 नंबर है।
नगर निगम आयुक्त डॉ. आदित्य दहिया से सीधी बात
सवाल : शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय से कोई पत्र आया है क्या, इसमें क्या निर्देश दिए गए हैं?
जवाब : हां, एनजीटी का पत्र शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय के माध्यम से सभी नगर निगमों को आया है। इसमें साफ लिखा है कि शहर में जिन कारणों से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है उन पर ध्यान दिया जाए। झाडू से सफाई के दौरान उड़ने वाली धूल को रोकने के भी निर्देश हैं। मशीनों से सफाई पर जोर रहेगा।
सवाल : इसमें फुटपाथ से अतिक्रमण हटवाने के भी निर्देश हैं?
जवाब : हां, यह सही है। हम पहले भी प्रयासरत हैं अब और तेजी से अभियान चलाएंगे।
सवाल : तो क्या अब शहर के फुटपाथ अतिक्रमण मुक्त कराए जाएंगे?
जवाब : एनजीटी के आदेशों की पालना जरूर की जाएगी।
सवाल : सीएम सिटी के अधिकतर फुटपाथ पर तो सरकारी विभागों का ही कब्जा है। खुद डीसी के निवास का बोर्ड फुटपाथ पर लगा है। इससे कैसे निपटेंगे?
जवाब : जो बोर्ड रेगुलराइज हैं उन्हें नहीं हटाएंगे, अवैध विज्ञापन यदि है तो उन्हें जरूर हटाएंगे। जांच की जा रही है। आखिर यह बोर्ड कभी न कभी नगर निगम ने ही लगाया होगा।
सवाल : तो क्या फुटपाथ पर बोर्ड सही है?
जवाब : हमें बोर्ड हटाने का अलग से आदेश नहीं आया है। लेकिन यदि कोई ऐसा बोर्ड होगा तो उसे ठीक करवा देंगे। यह देखना पड़ेगा।
सवाल : खुद नगर निगम ने सांझी साइकिल स्टैंड के रूप में शहर में कई स्थानों पर फुटपाथ पर स्थायी कब्जा कर रखा है, इसलिए शुरुआत अपने घर से क्यों नहीं?
जवाब : इसको देखेंगे, यह यदि नियमों के हिसाब से नियमित हो सके तो देखेंगे, नहीं तो इनको पीछे करेंगे।
बड़ा सवाल : फुटपाथ हैं तो सड़क पर क्यों चलें
जब सड़कों के पास फुटपाथ बने हैं तो पैदल आदमी सड़क पर क्यूं चलें। पैदल आदमी फुटपाथ पर कब्जों के पास से क्यूं गुजरे, उसके लिए तो फुटपाथ है, बोर्ड या अतिक्रमण हटाना चाहिए। फुटपाथ पर पैदल चलने वालों का हक है। इसे प्रशासन को भी समझना होगा। इसे हल्के में लेना सही नहीं है। सरकारी विभागों के बोर्ड यदि फुटपाथ पर लगे हैं तो पहले अपने घर से नियमों का पालना होना जरूरी है। तभी लोगों से सहयोग की उम्मीद की जा सकती है। आखिर कानून सबके लिए बराबर है।