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मेडिकल कालेज में स्टाफ नर्स की भर्ती विवादों में

मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में आया मामला, मैरिट में आने वाले उम्मीदवार कर कम नंबर

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 01:51 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 01:51 AM (IST)
मेडिकल कालेज में स्टाफ नर्स की भर्ती विवादों में
मेडिकल कालेज में स्टाफ नर्स की भर्ती विवादों में

मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में आया मामला, मैरिट में आने वाले उम्मीदवार कर कम नंबर वालों को नौकरी पर रखने का आरोप, निदेशक ने कहा भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी

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जागरण संवाददाता, करनाल

पिछले दिनों कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज में हुई स्टाफ नर्स की भर्ती विवादों में है। स्टाफ नर्स के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों का आरोप है कि अच्छे अंक वाले उम्मीदवारों को दरकिनार कर कम नंबर लेने वाले उम्मीदवारों का चयन किया गया है। मामला विवादों में आने के बाद मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के दरबार में जा पहुंचा है। पीड़ित युवती ने मामले की जांच करवाए जाने की मांग की है। पीड़ित ने कहा कि यदि मामले की निष्पक्ष जांच नहीं करवाई जाती है तो कोर्ट की शरण में जाना पड़ सकता है। कैथल जिले के शास्त्री नगर निवासी आशा शर्मा ने मंत्री अनिल विज को शिकायत देकर कहा कि मेडिकल कालेज में निकली भर्तियों के आधार पर उन्होंने स्टाफ नर्स के पद के लिए आवेदन किया था। अच्छे अंक होने के बाद भी उनका नंबर लिस्ट में नहीं आया है। पीड़ित ने आरोप लगाया कि मेडिकल कालेज प्रबंधन की मिलीभगत से ही फर्जी तरीके से भर्ती की जा रही है।

75.73 फीसदअंक वाली का चयन, 83.24 फीसद वाली बाहर क्यों?

स्टाफ नर्स की हुई भर्ती को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। स्टाफ नर्स के लिए प्रबंधन ने जीएनएम का डिप्लोमा मांगा गया था। इसी आधार पर मेरिट लिस्ट बनाई गई। साक्षात्कार लेने के बाद नौकरी के लिए चयनित लिस्ट में क्रमांक संख्या 1 पर प्रवीन सरोहा का नाम है, जिसके जीएनएम में 92.77 अंक है और अंत के क्रमांक संख्या 132 पर कौशल्या का नाम है, जिसके जीएनएम में 75.73 अंक बनते हैं, जबकि आशा शर्मा के जीएनएम में 83.42 अंक हैं, लेकिन फिर भी उसे इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया गया। कालेज ने जिस आधार पर इंटरव्यू के लिए मैरिट निर्धारित की उस हिसाब से क्रमांक संख्या 1 पर प्रवीन सरोहा की मैरिट 75.08 पर है और अंत के क्रमांक संख्या 132 पर

कौशल्या की मैरिट 61.36 है, जबकि आशा शर्मा की मैरिट 66.82 बनती है। इसका इंटरव्यू में कालेज की मैरिट लिस्ट के अनुसार क्रमांक संख्या 12 बनता है। जनरल केटेगिरी में 33 पदों के लिए सबसे अधिक मैरिट 68.27 क्रमांक संख्या 6 पर शेर मौहम्मद की है और सबसे कम मैरिट 61.63 शिल्पा की है। जबकि प्रार्थी आशा शर्मा की मैरिट 66.72 है। अंतिम लिस्ट की मैरिट के हिसाब से भी प्रार्थी आशा शर्मा का पांचवा स्थान बनता है, लेकिन उसे लिस्ट में लिया ही नहीं गया। पूरे मामले की छानबीन करने पर पता चला कि साक्षात्कार के लिए बनाई मेरिट में आशा रानी के जीएनएम के नंबर न जोड़कर उसके बीएससी के नंबर जोड़ दिये गए और उसे प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया।

जनरल वर्ग के 33 पदों के लिए मांगे थे आवेदन

पांच अक्टूबर, 2016 को मेडिकल कालेज में स्टाफ नर्स के पदों के आवेदन मांगे गए थे। जनरल वर्ग के लिए 33 पद थे, इसके लिए आशा ने आवेदन किया। इन पदों के लिए कुल 682 लोगों ने आवेदन किया था, इनकी एवेज में 132 लोगों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। इस पर कॉलेज प्रबंधन व स्वास्थ्य विभाग ने मेरिट लगाते हुए 6 और 8 मार्च को आवेदनकर्ताओं के साक्षात्कार लिए। साक्षात्कार के तुरंत बाद दस मार्च को नोटिस जारी किया गया कि 11 मार्च को डायरेक्टर आफिस से ज्वाइ¨नग लेटर प्राप्त करें। इस मामले में आशा शर्मा का कहना है कि मामले की शिकायत स्वास्थ्य मंत्री व सीएम के ओएसडी को की गई है, अगर यहां से न्याय नहीं मिला तो अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

वर्जन

भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। अगर कोई मेरिट में है और उसका चयन नहीं हो पाया तो इस मामले को एक्जामिन किया जाएगा। फार्म निकलने से लेकर चयन तक पूरी प्रक्रिया आनलाइन थी, इस केस में भी कोई न कोई कमी होगी, जो जांच के बाद ही बता पाएंगे।

डा. सुरेंद्र कशयप, निदेशक, कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज करनाल।


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