सरकारी विद्यालयों में दयनीय हालत में शौचालय
जागरण संवाददाता, करनाल जिले के सरकारी विद्यालयों में ही स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लग र
जागरण संवाददाता, करनाल
जिले के सरकारी विद्यालयों में ही स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लग रहा है। एक ओर विद्यालयों से स्वच्छता का संदेश देती रैलियां निकाली जाती हैं और कार्यक्रम होते हैं, वही इन विद्यालयों के शौचालय ही बदतर स्थिति में हैं। विद्यालयों में 140 शौचालय कंडम हैं, 115 नए शौचालय बनवाने की डिमांड विभाग तक भेजी है, लेकिन अभी यह तय नहीं हुआ है कि इनका निर्माण कब तक शुरू होगा।
साल की शुरुआत में शिक्षा विभाग ने खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर यह पूछा था कि हाई व सीनियर सेकेंडरी विद्यालयों में कितने शौचालय हैं। इनमें कितने कंडम हैं और कितनों को मरम्मत की दरकार है। नए शौचालय की जरूरत है तो उसकी डिमांड मांगी थी। पत्र भेजने के बाद भी खंड शिक्षा अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। आखिरकार खंड स्तर पर डीइओ कार्यालय के प्रतिनिधियों ने जाकर ही शौचालयों की स्थिति का ब्योरा एकत्रित किया।
विभाग से मिले ब्योरे के अनुसार जिले के विद्यालयों में 140 शौचालय कंडम हैं और इस्तेमाल होने लायक नहीं रहे हैं। 37 शौचालयों को मरम्मत की दरकार है। 115 नए शौचालय बनाने की डिमांड रखी गई है। हालांकि शिक्षा विभाग अभी नए शौचालयों की डिमांड पर अंतिम मुहर नहीं लगा रहा है, क्योंकि इस डिमांड पर एसडीओ एसएसए गौर करेंगे। उनके मापदंड पर खरा उतरने के बाद ही डिमांड को अंतिम रूप दिया जाएगा।
विद्यालयों में शौचालय की हालत बदतर होने से विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर छात्राओं को ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है। विद्यालयों में शौचालय की बदतर स्थिति को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग ने ब्यौरा भले एकत्रित कर लिया है, लेकिन अभी यह तय नहीं है कि शौचालय की हालत किस फंड से सुधारी जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार गौरिया ने कहा कि विद्यालयों के शौचालयों की स्थिति की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। उनसे जब पूछा गया कि शौचालय की स्थिति कब तक सुधर जाएगी तो कहा कि यह सरकार से मंजूरी मिलने पर होगा। उसके बाद ही नए शौचालय बनाए जाएंगे।