विकास की दुहाई, टेंडर के बहाने आवाज दबाई
0 पार्षदों की रणनीति ध्वस्त,कोई चाहकर भी नहीं कर सका चूं जागरण संवाददाता, करनाल :
0 पार्षदों की रणनीति ध्वस्त,कोई चाहकर भी नहीं कर सका चूं
जागरण संवाददाता, करनाल : विकास पर राजनीति के आगे पार्षदों के अरमान दम तोड़ गए। आवाम की आवाज दबाने के लिए ऐसी किलेबंदी की गई कि कोई चाहकर भी चूं तक नहीं कर सका। राजनीति के मंझे खिलाड़ियों ने यह पूरा खेल बड़े ही सुनियोजित तरीके से खेला। सामने आए बिना ही पूरे मामले को रफा-दफा कर दिया। यही कलाबाजी यदि आवाज दबाने की बजाय विकास करवाने में दिखाई होती तो यह नौबत ही नहीं आती। नगर निगम ने भी अपनी भूमिका निभाई। एक दिन पहले शहर में समान विकास की खूब दुहाई दी। 200 करोड़ के टेंडर का ऐसा पासा फेंका कि पार्षदों की आह, वाह में बदल गई। बुधवार को क्रांतिकारी पार्षदों की सेहत ठीक होने के बाद भी आवाज में पहले सा दम नहीं दिखा। दबाव में कहा कि चलो इस हल्ले के बाद टेंडर तो लगे। फिर अनमने मन से कहा कि यह पहले भी लगते रहे हैं। लेकिन निर्माण कार्य कब शुरू होंगे पता नहीं। रफ्तार तेज नहीं की तो आगे देख लेंगे। शहर के विकास से जुड़ी इस अहम बैठक में केवल चार ही पार्षद डिप्टी मेयर मनोज वधवा, विनोद तितोरिया, जो¨गद्र ¨सह व सतीश कुमार ही पहुंचे। बैठक सीनियर डिप्टी मेयर के आफिस तक ही सिमट कर रह गई।
मेयर व आयुक्त ने बनाई दूरी
पूरी फिल्डिंग जमाने के बाद भी आयुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने कार्यालय में नहीं आने में ही भलाई समझी। अमूमन अपने आफिस में ही रहने वाले आयुक्त पार्षदों के नहीं जाने तक अपने आफिस नहीं पहुंचे। वहीं मेयर रेनू बाला गुप्ता ने भी मी¨टग से दूरी बनाए रखी। इससे नगर निगम के आफिस में पूरा दिन सन्नाटा पसरा रहा। इधर कर्मचारी जिन धूल जमी फाइलों को भूल चुके थे उन्हें निकालकर टेंडर लगाने की प्रक्रिया पूरी करते नजर आए।
मैं तो जरूर बोलूंगा, लिखो
मी¨टग में पहुंचे वार्ड-15 के पार्षद पहले की तरह ही जोश में दिखे। कहा कि विकास के मुद्दे पर वह चुप नहीं रहेंगे और जरूर बोलेंगे। हाउस की मी¨टग में पास होने के बाद भी अटके विकास कार्यों की पूरी सूची उन्होंने सबके सामने रख दी। लेकिन मौके पर अधिकारी ही नहीं थे तो जवाब कौन देता। गुस्से में आकर कहा कि टेंडर लगाने की जो बातें हो रही हैं, यह तो पहले भी यूं ही लगते रहे हैं। जब तक हमारे काम पूरे नहीं होंगे, इनका क्या फायदा।
लिस्ट लेकर आए जो¨गद्र चौहान
वार्ड-20 के पार्षद जो¨गद्र चौहान पूरी तैयारी के साथ बैठक में आए। वह अपने वार्ड के अटके विकास कार्यों की लिस्ट भी साथ लाए। एक-एक करके उन्होंने पूरा चिट्ठा बैठक में खोल दिया। इनमें से अधिकतर कार्य दो साल पहले हाउस की मी¨टग में पास हो गए थे। कुछ के तो टेंडर लगने के बाद वर्क आर्डर ही जारी नही किए गए।
पुराने ढर्रे पर चले तो फिर करेंगे बैठक
वार्ड-14 के पार्षद विनोद तितोरिया ने कहा कि नगर निगम ने हाल ही में 200 करोड़ के टेंडर लगाए हैं। आयुक्त ने बताया कि शहर में सीवरेज के लिए 240 करोड़ रुपये की राशि के एस्टीमेट भी स्वीकृत हो चुके हैं। दावा है कि इन पर जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। यदि ऐसा होता है तो अच्छी बात है। हां यदि यह पुराने ढर्रे पर चले तो अगले महीने फिर से पार्षदों की बैठक बुलाई जाएगी