जिले के पहलवानों को कुश्ती में पारंगत करेंगे अर्जुन अवार्डी कोच
जागरण संवाददाता, करनाल : जिले के कुश्ती खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी है। अर्जुन अवार्डी पहलव
जागरण संवाददाता, करनाल : जिले के कुश्ती खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी है। अर्जुन अवार्डी पहलवान बीरेंद्र ¨सह उन्हें कुश्ती के गुर सिखाएंगे। यह होनहार मूक-बधिर कोच पैरा-ओलंपिक में गोल्ड जीतकर देश का नाम भी रोशन कर चुका है। बीरेंद्र ने पूर्व कुश्ती कोच कर्मचंद के जाने के बाद खाली हुआ पद संभाल लिया है। कर्ण स्टेडियम में ज्वाइन करने के बाद जिला कुमार व जिला केसरी दंगल में वह पहलवानों से रूबरू हुए। उम्मीद है कि उनके आने से जिले में कुश्ती के पहलवानों की प्रतिभा में निखार आएगा। जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी सत्यदेव मलिक ने कोच को शुभ कामनाएं दी। उन्होंने कहा कि करनाल के लिए गौरव की बात है कि अर्जुन अवार्डी पहलवान यहां कोच के रूप में आया है। जिले के कुश्ती खिलाड़ियों को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए।
दो कोच की सौगात, दो का ही तबादला
सीएम सिटी को दो नए कोच की सौगात मिलने से खिलाड़ियों में खुशी की लहर है। लेकिन इसके बाद भी कोच की संख्या में इजाफा नहीं होगा। दरअसल बीते दिनों करनाल से दो कोच का तबादला होने के कारण आज भी 25 कोच ही हैं। कुश्ती कोच बीरेंद्र के बाद अब अंबाला के साइ¨क्लग कोच ओंकार ¨सह एक या दो दिन में ज्वाइन कर सकते हैं। बीते वर्ष साइ¨क्लग के तीन कोच जिले में थे लेकिन तीनों का ही तबादला हो गया था। वहीं करनाल के फुटबॉल कोच अनिल बीते दिनों पदोन्नत होकर पानीपत के डीएसएवाइओ बन गए। क्रिकेट कोच कृष्ण का तबादला होने के बाद उनका पद अभी तक खाली है। बीते 2015 में कई साल के बाद करनाल को क्रिकेट को कोच मिला था। यह पद अब एक बार फिर से खाली हो गया। इससे क्रिकेट के खिलाड़ियों में निराशा है।
इन खिलाड़ियों को आज भी कोच की दरकार
सीएम सिटी को इस समय कबड्डी, क्रिकेट, वेट लि¨फ्टग व तीरंदाजी के कोच की दरकार है। कबड्डी का कोच कई सालों से करनाल में नहीं है। क्रिकेट कोच का पद एक बार फिर से खाली हो गया। कबड्डी व तीरंदाजी में जिले के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर करनाल का नाम रोशन कर चुके हैं। इन्हें यदि कोच मिल जाए तो पदकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।