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बस की कमी छात्राओं की शिक्षा पर पड़ रही भारी

संवाद सहयोगी, इंद्री : क्षेत्र के कई गांवों में रोडवेज बसें नहीं चलने से ग्रामीणों को परेश

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Feb 2017 07:14 PM (IST)Updated: Fri, 24 Feb 2017 07:14 PM (IST)
बस की कमी छात्राओं की शिक्षा पर पड़ रही भारी
बस की कमी छात्राओं की शिक्षा पर पड़ रही भारी

संवाद सहयोगी, इंद्री : क्षेत्र के कई गांवों में रोडवेज बसें नहीं चलने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। परिवहन एवं जेल आवास मंत्री कृष्णलाल पंवार छात्राओं के लिए अलग से बसें चलाने क बात कह रहे हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि इंद्री के हिनौरी, टपरियों, छपरियों, जैनपुर, कैहरबा, बुढनपुर व छापर सहित कई गांव में बस सर्विस नहीं है। इन गांवों के लोग मुख्य मार्ग तक पैदल या अपने निजी वाहनों पर आते हैं। जबकि रास्तों पर किराए के निजी वाहन भी नहीं चलते हैं।

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गांवों में रोडवेज की बसें नहीं चलने से छात्राओं की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। यहां तक कि हर साल कई लड़कियां उच्च शिक्षा बीच में ही छोड़ने को मजबूर हैं। पिछले दिनों के उड़ाना गांव में परिवहन एवं जेल आवास मंत्री कृष्णलाल पंवार आए थे। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में छात्राओं के लिए अलग से बसें चलाई जा रही है और प्रदेश में कई बसें चला भी दी हैं लेकिन इंद्री क्षेत्र में इसके उलट हो रहा है। यहां पर छात्राओं के लिए तो दूर की बात बल्कि ग्रामीणों को बस सुविधा नहीं मिल रही है। पिछली ग्राम पंचायतों की मांग पर सरकार ने इन गांवों में बस सर्विस शुरू भी की थी लेकिन विभाग ने उस रूट पर आमदनी नहीं होने व स्टाफ की कमी की बात कहकर बस बंद कर दी थी।

ग्रामीण स¨लदर टपरियों, सतपाल, प्रीतम, राजेश व विकास का कहना है कि यह गांवों इंद्री (करनाल), लाडवा (कुरुक्षेत्र) व रादौर (यमुनानगर) शहरों से दूर हैं और इन गांवों से मुख्य मार्ग भी कई किलोमीटर दूर पड़ते हैं। मांग पर बस शुरू कर दी गई थी, लेकिन वर्ष 2007 में स्टाफ की कमी बताकर रोडवेज बस बंद की दी गई थी। उसके बाद राज्यमंत्री कर्णदेव कांबोज से मिले तो राज्यमंत्री के प्रयासों से जनवरी 2015 में विभाग द्वारा दोबारा बस चला दी गई लेकिन एक महीने बाद वह भी बंद कर दी। विभागीय अधिकारियों ने बस बंद करने के पीछे स्टाफ की कमी व टूटे रोड बताए थे। अब इन गांवों में अधिकतर सड़कें भी ठीक हैं, लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी रूट पर बस नहीं चलाई। ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्गो, महिलाओं और शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आ रही है। ग्रामीणों ने रोडवेज बस चलाने की मांग की।

रोडवेज जीएम जयपाल राणा ने कहा कि करनाल में 4-5 बसें छात्राओं के लिए अलग से चला रखी हैं। वह कार्यालय में जाकर देखेंगे अगर इस तरह की कोई मांग है तो इंद्री क्षेत्र के इन गांवों में रूट चेक करवाएंगे। ड्यूटी क्लर्क रमेश ने कहा कि लगातार कई छुट्टियां है। ऊपर ब्रांच में अगर कोई इस तरह की मांग आई है तो उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार रुटेशन बनेगी।


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