भले हो जाए बीमार, गंदी नहीं होने देंगे दीवार
जागरण संवाददाता, करनाल शहर के पॉश एरिया में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य विभाग का मच्छ
जागरण संवाददाता, करनाल
शहर के पॉश एरिया में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य विभाग का मच्छर रोधी स्प्रे अभियान रास नहीं आ रहा है। विभाग ने घर-घर जाकर मच्छर रोधी स्प्रे करवाने के लिए टीमों का गठन किया हुआ है। लेकिन जब टीम शहर के पॉश एरिया में स्प्रे के लिए गई तो स्थानीय लोगों का रिस्पोंस इस अभियान के प्रति ठीक नहीं मिला। लोगों ने तर्क दिया कि घर के पेंट पर लाखों रुपये का पेंट करवाया है ऐसे में मच्छर रोधी दवाई का स्प्रे करवाकर दीवार गंदी कैसे करवा लें। यानि साफ है कि भले ही वह डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया की चपेट में आ जाएं, लेकिन घरों की दीवार पर दवाई का निशान अच्छा नहीं लगता है। हालांकि सिविल सर्जन डॉ. योगेश कुमार का कहना है कि अभियान के तहत हमने लोगों की स्वास्थ्य की अच्छी ²ष्टि को लेकर यह अभियान चलाया था, ऐसे में लोगों का भी यह फर्ज बनता है कि वह इस अभियान का सहयोग करें।
सितंबर तक चलेगा यह अभियान
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मच्छर रोधी दवाईयों के छिड़काव, स्प्रे तथा फॉ¨गग का सिलसिला मई माह में शुरू कर दिया था, टीमें बनाकर डोर टू डोर टीमें जा रही हैं। सितंबर माह तक दवाईयों के छिड़काव का अभियान जारी रहेगा। ज्यादातर शहर को कवर कर लिया गया है। लेकिन कुछ सेक्टरों व माडल टाउन जैसे पॉश एरिया में विभाग की टीमों को सहयोग नहीं मिल पा रहा है। जिस कारण कुछ एरिया मच्छर रोधी दवाईयों से स्प्रे से वंचित रह जाएगा।
जहां पर नमी, वहां पर रहती है मच्छरों पैदा होने की संभावना
अक्सर घरों में शौचालय व कपड़े धोने की जगह के आसपास जो दीवारें होती हैं उनमें नमी की मात्रा ज्यादा होती है। बाहर से जो मच्छर आते हैं वह नमी के कारण घरों में दाखिल हो जाते हैं। इससे डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैल सकती हैं। इसी कारण विभाग ने सभी जगहों पर स्प्रे करने को कहा है।
गनीमत यह है कि नहीं आया डेंगू का केस
स्वास्थ्य विभाग व लोगों के लिए राहत की बात यह है कि इस वर्ष डेंगू का कोई भी केस सामने नहीं आया है। हालांकि मलेरिया के 50 से अधिक केस सामने आ चुके हैं। वहीं चिकनगुनिया का भी कोई नहीं आया है। सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा के मुताबिक मानूसन सीजन से पहले ही टीमों अलर्ट कर दिया गया था। जैसे ही बरसात हुई जहां पर पानी खड़ा हुआ जगह को चिन्हित कर वहां पर दवाईयां का छिड़काव करवा दिया। इससे बीमारियां काबू करने में सफल रहे हैं।