नहीं पड़ा असर, पर खुला है उम्मीदों का बाजार
: ब्रिटेन के यूरोपियन संघ के अलग से होने पर भारतीय व्यापार पर नहीं व्यापक असर अश्विनी शर्मा, करना
: ब्रिटेन के यूरोपियन संघ के अलग से होने पर भारतीय व्यापार पर नहीं व्यापक असर
अश्विनी शर्मा, करनाल
यूरोपियन संघ से ब्रिटेन के अलग होने के बाद भले ही हलचल पैदा हो हुई हो, लेकिन इससे भारतीय व्यापार पर ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है। सकारात्मक बात यह है कि भारतीय निर्यातकों के लिए एक नया बाजार उभरकर सामने आया है। अब भारतीय व्यापारी इंग्लैंड की नई व्यापार नीति के इंतजार में रहेंगे। इसी से तय होगा कि भारतीय निर्यातक इंग्लैंड में किस हद तक अपने व्यापार को बढ़ावा दे सकेंगे। अलबत्ता अभी ब्रिटेन के अलग होने से न उद्योगपतियों को कोई नुकसान है और न ही फायदा।
करनाल जिले से विदेशों में चावल निर्यात व कृषि उपकरण निर्यात होते हैं। जबकि लिबर्टी शू कंपनी भी कई देशों में व्यापार करती है। यूरोपियन संघ से ब्रिटेन के अलग होने पर व्यापार पर पड़ने वाले असर को जानने के लिए प्रमुख उद्योगपतियों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इससे उन्हें ना नुकसान हुआ है और ना ही अभी फायदा। भविष्य में जरूर इसका लाभ हो सकता है। चावल उद्योग पर असर नहीं पड़ने की वजह यह है कि पहले ही ब्रिटेन या अन्य यूरोपियन देश में चावल निर्यात नहीं होता है। करनाल जिले के निर्यातकों का सबसे ज्यादा व्यापार अरब देशों में है। ब्रिटेन के अलग होने से वहां व्यापार में इजाफा होने की उम्मीद है। यहां से कृषि उपकरण भी ब्रिटेन या यूरोपियन देशों में नहीं जाते हैं।
हरियाणा राइस एक्सपोर्टस एसोसिएशन के सुशील जैन ने कहा कि ब्रिटेन के अलग होने से निर्यातकों पर कोई असर नहीं पड़ा है। क्योंकि वहां पहले ही चावल निर्यात बहुत कम होता है। ब्रिटेन के अलग होने से नई संभावनाओं ने जन्म जरूर लिया है।
करनाल एग्रीकल्चरल इप्लीमेंट मैन्यूफेक्चरर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रणबीर अरोड़ा ने कहा कि एक जनवरी 2018 से ब्रिटेन यूरोपियन संघ में नहीं रहेगा। ब्रिटेन के अलग होने का असर लंबे समय के बाद चलेगा। सकारात्मक बात यही है कि अब बाकी यूरोपियन देश ब्रिटेन को प्राथमिकता देना बंद कर देंगे। इससे व्यापारिक हित प्रभावित होंगे। इससे जाहिर है कि वहां भारतीय उद्योगपतियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद पैदा होगी।
लिबर्टी शूज कंपनी के निदेशक रमन बंसल ने कहा कि उनकी कंपनी ब्रिटेन में एक्सपोर्ट नहीं करती है। इसलिए ब्रिटेन के अलग होने से उनके व्यापार पर कोई फर्क नहीं पड़ता। सकारात्मक नजरिये से देखा जाए तो भविष्य में भारतीय उद्योगपतियों के लिए अच्छा अवसर वहां बन सकता है। लेकिन यह देखना होगा कि व्यापारिक लिहाज से ब्रिटेन किस तरह की नीति को अपनाता है। यह भारतीय ²ष्टिकोण से ठीक रहती या चीन के नजरिये से।