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घाटे का सौदा साबित हो रही गन्ने की फसल

संवाद सहयोगी, इंद्री : सरकार की लापरवाही व शुगर मिलों की मनमर्जी के आगे किसान बेबस होकर रह गए हैं। य

By Edited By: Published: Sun, 29 Nov 2015 09:55 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2015 09:55 PM (IST)
घाटे का सौदा साबित हो रही गन्ने की फसल

संवाद सहयोगी, इंद्री : सरकार की लापरवाही व शुगर मिलों की मनमर्जी के आगे किसान बेबस होकर रह गए हैं। यही कारण है कि गन्ने की फसल भी किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। नवंबर महीना भी आज गुजर गया, लेकिन अभी तक भादसों स्थित पिकाडली शुगर मिल नहीं चली। जबकि आसपास के जिलों में शुगर मिल चला दी गई। शुगर मिल जल्दी चलाने के लिए मिल प्रशासन की तरफ से किसानों के प्रतिनिधिमंडल को एक दिसंबर को चलाने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब जब किसानों ने शुगर मिल प्रशासन से दोबारा बात की तो मिल प्रशासन ने चार दिसंबर को शुगर मिल चलाने की बात कह दी। किसानों को गांरटी नहीं लग रही कि चार दिसंबर को शुगर मिल चल जाएगी।

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शुगर मिल नहीं चलने के कारण जहां किसान गन्ने की फसल वाले खेत में गेहूं बिजाई करने से वंचित रह रहे है वहीं गन्ना कलेसर मालिक इसका खूब फायदा उठाकर किसानों के गन्ने को औने-पौने दामों में खरीदकर किसानों को चूना लगा रहे है। कलेसर मालिक किसानों को गन्ने के भाव मात्र 150 से 200 रुपये तक ही प्रति ¨क्वटल ही दे रहे हैं। गेहूं की बिजाई करने के लिए किसानों को मजबूरन गन्ने को कम दामों में बेचने को मजबूर होना पड़ा है। वैसे तो इस शुगर मिल को अक्तूबर के अंतिम सप्ताह या नवंबर माह के पहले सप्ताह में चल जानी चाहिए थी, ताकि किसान अपने तीसरे साल गन्ने की फसल को मिल में डालकर अपने खेतों में गेहूं की बिजाई कर सके, लेकिन नवम्बर का महीना भी आज निकल जाएगा। किसानों के अनुसार अभी तक शुगर मिल नहीं चलने के कारण उनको भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

किसान प्रतिनिधिमंडल की हो चुकी है बैठक

पिछले दिनों पिकाडली शुगर मिल भादसों व गन्ना संघर्ष समिति के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी जिसमें किसान प्रतिनिधिमंडल ने जल्द से जल्द मिल चलाए जाने व किसानों के लिए बिजली, पानी व लाइटों की व्यवस्था ठीक किए जाने की मांग रखी थी। मिल प्रशासन की ओर से किसान प्रतिनिधिमंडल को शुगर मिल चलाने के लिए एक दिसंबर का समय दिया गया था। गन्ना संघर्ष समिति के अध्यक्ष रामपाल चहल ने कहा कि मिल प्रशासन द्वारा किसानो के साथ वादाखिलाफी की गई है। पहले एक दिसंबर को चलाने का आश्वासन दिया था। कल मिल अधिकारियों से बातचीत की तो वो अब चार दिसंबर को शुगर मिल चलाने की बात कही जा रही है जबकि यमुनानगर जिला की शुगर मिल 28 नवंबर व पानीपत स्थित शुगर मिल 24 नंवबर को चला दी गई थी और करनाल की शुगर मिल एक दिसंबर को चल जाएगी लेकिन इंद्री के भादसों क्षेत्र स्थित शुगर मिल नही लगता कि चार दिसंबर को भी चल जाएगी।


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