छुट भइया नेताओं पर लालबत्ती का रौब गालिब
जागरण संवाद केंद्र, करनाल : उच्च संवैधानिक पद के व्यक्तियों के वाहन पर लालबत्ती का प्रयोग होने का नियम लागू होने से कइयों को झटका लगा है। लेकिन छुट भइया नेताओं पर कोई असर नहीं है। वह अभी भी लालबत्ती का रौब गालिब करते हुए घूम रहे है। दूसरी ओर अधिकारियों ने लालबत्ती उतार दी है और वह नियम के अनुसार चल रहे हैं।
लालबत्ती का इस्तेमाल वीवीआइपी करते हैं। इसके इस्तेमाल की इजाजत नियम अनुसार मिलती है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सायरन व लालबत्ती सामंती सोच का चूक है। इसका दुरुपयोग रोकने में प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा है। लिहाजा लाला व नीली बत्तियों में कटौती की ओर कदम बढ़ाए गए हैं। न्यायालय के निर्देश के बावजूद छुट भइया नेताओं पर इसका कोई असर नहीं है। वह अभी भी सरेआम लालबत्ती का रौब गालिब करते हुए घूम रहे हैं। उन्हें न ही प्रशासन की चिंता है और न ही न्यायालय के निर्देश की। भाजपा के वरिष्ठ नेता चंद्रप्रकाश कथूरिया ने न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता का सेवक होता है। लोगों की सेवा करना उसमा धर्म होता है, लेकिन लालबत्ती लगाकर खुद विशिष्ट दिखाना जनप्रतिनिधियों की आदत में नहीं होना चाहिए। वीवीआइपी हो या फिर जनप्रतिनिधि। उनके परिजन व दोस्त भी लालबत्ती लगाकर घूमते हैं। यह निर्णय इन पर रोक लगा देगा। इनेलो के हलका अध्यक्ष ओमप्रकाश सलूजा ने कहा कि यह निर्णय स्वागत योग्य है। लोग लालबत्ती को देखकर ही खौफ में आ जाते हैं। क्योंकि यह लालबत्ती का दुरुपयोग इतना बढ़ चुका है कि बदमाश भी इसका प्रयोग कर रहे हैं। लोग भी निर्णय से खुश हैं। क्योंकि अब कोई भी छुट भइया लालबत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। अधिवक्ता राहुल बाली ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि यह फैसला सही समय पर आया है। क्योंकि लालबत्ती का दुरुपयोग बेहद तेजी से बढ़ रहा है।
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