Move to Jagran APP

डेयरी फार्मिंग व्यवसाय को अपनाएं युवा : राजेंद्र ¨सह

जागरण संवाददाता, कैथल : लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार के पशु

By Edited By: Published: Tue, 30 Aug 2016 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 30 Aug 2016 01:00 AM (IST)
डेयरी फार्मिंग व्यवसाय को  अपनाएं युवा : राजेंद्र ¨सह

जागरण संवाददाता, कैथल : लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार के पशु विज्ञान केंद्र में आयोजित सात दिवसीय डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण शिविर का सोमवार को समापन हो गया। प्रशिक्षण में नवयुवकों को पशुओं की उन्नत नस्लें, नवजात बच्चे की देखभाल, पशुओं की खुराक में खनिज मिश्रण का महत्व, संतुलित पशु आहार, पशुओं की मुख्य बीमारियों के लक्षण एवं उनकी रोकथाम के बारे में, दूध एवं दूध उत्पाद, स्वस्थ एवं स्वच्छ दूध उत्पादन, वर्ष भर हरे चारे का उत्पादन, चारे का साइलेज बनना, डेयरी फार्मिंग लेखा-जोखा रखना तथा पशुपालन के आर्थिक महत्व के बारे में जानकारी दी। शिविर में 109 युवकों ने भाग लिया।

loksabha election banner

पशु विज्ञान केंद्र के मुख्या वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र श्योकंद बताया कि बाजार-भाव की उथल-पुथल ने किसानों की कमर तोड़ रखी है। कृषि घाटे का सौदा साबित हो रही है। इन हालातों में पशुपालन द्वारा अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। डेयरी फार्मिंग व्यवसाय द्वारा किसान वर्ष भर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। उच्च गुणवता के सांड़ों का चयन करके दूध उत्पादन को दोगुना किया जा सकता है किसान भाई स्वयं दूध उत्पाद बनाकर भी रोजगार प्राप्त कर सकते है।

डॉ. श्योकंद ने कहा कि घटती कृषि जोत व बढ़ती उत्पादन लागत, जलवायु परिवर्तन, बेमौसम वर्षा, कीड़े व बीमारियों के प्रकोप से कृषि में आमदनी के साधन बहुत सीमित रह गए हैं। ऐसे में उच्च गुणवत्ता के पशुपाल कर अधिक से अधिक लाभ व रोजगार प्राप्त कर सकते है और बेरोजगारी की समस्या से निजात पा सकते है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.