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रेलवे स्टेशन बना समस्याओं का जंक्शन

जागरण संवाददाता, कैथल : शहर का रेलवे स्टेशन आजकल समस्याओं का जंक्शन बन कर रह गया ह

By Edited By: Published: Sat, 30 Jul 2016 12:30 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jul 2016 12:30 AM (IST)
रेलवे स्टेशन बना समस्याओं का जंक्शन

जागरण संवाददाता, कैथल : शहर का रेलवे स्टेशन आजकल समस्याओं का जंक्शन बन कर रह गया है। सुविधाओं के लिए बनाए गए प्लेटफार्म पर दुविधाओं की गाड़ी दौड़ती रहती है। कुत्ते यहां आराम फरमाते हैं तो लोग सीधे मुख्य प्लेटफार्म तक बाइक लेकर पहुंच जाते हैं। यात्रियों के लिए बनाए गए प्रतीक्षा कक्ष पर ताला जड़ा रहता है, जिस पर भी अब जंग लग गया है।

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पूरे स्टेशन पर कूड़ा डालने के लिए महज एक टूटा हुआ डस्टबीन रखा गया है। सुरक्षा के नाम पर पुलिस कर्मी आधी-अधूरी वर्दी में टहलते रहते हैं। टिकट घर से लोग या तो अपमानित होकर निकलते हैं या फिर अव्यवस्था के चलते ट्रेन पकड़ने की जल्दी में बिना टिकट ही सफर करना पड़ता है। अंग्रेजों के जमाने के इस रेलवे स्टेशन के हालात बदतर हो चुके हैं, लेकिन अधिकारी हैं कि अपनी जिम्मेदारी से मुंह छिपा रहे हैं। वे इस बारे में बात करने से भी बचते रहे। यदि तेज बरसात आ जाए तो रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर शेड के नीचे खड़ा यात्री भी भीग जाता है, क्योंकि शैड के टीन की चादर में अनेको बड़े बड़े सुराख है।

गोबर से अटा मिला प्लेटफार्म

शुक्रवार सुबह रेलवे स्टेशन का दौरा किया तो वहां की स्थिति न सिर्फ चौंकाने वाली थी, बल्कि ¨चताजनक भी थी। प्लेटफार्म पशुओं के गोबर से अटा हुआ मिला। यहां तक पशु खुले आम विचरण करते हैं और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं होता। अक्सर सांड ¨हसक होकर लोगों को घायल भी कर देते हैं। इसके चलते प्लेटफार्म भी कई जगह से टूट चुका है। पटरी के बीचोंबीच खड़े होकर वे यातायात को भी प्रभावित कर देते हैं।

काई से अटे नल, नहीं कोई हल

पेयजल के नलों पर काई जम चुकी है। निकासी का कोई जरिया नहीं होने से पानी नलों के नीचे ही जमा हो जाता है, जिसमें गंदगी पनपने से बदबू फैल जाती है। यह पानी फिर प्लेटफार्म पर बह निकलता है और यात्रियों का बैठना भी दूभर हो रहा है। यह एक-दो दिन नहीं, रोज के हालात है। सफाई कर्मी कई-कई दिन तक सफाई करने नहीं आते है। न ही कूड़ेदान की कोई समुचित व्यवस्था है।

शौचालय की समस्या

से महिलाएं परेशान

स्टेशन पर शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां शौचालय के नाम पर एक चहारदीवारी खड़ी की गई है, जिसमें सफाई का कोई प्रबंध नहीं है। इनकी हालात इतनी दयनीय है कि लोग इनमें खड़े भी नहीं हो सकते। पानी डालने के लिए कुछ नल टूट चुके हैं और कुछ बंद हैं। महिलाओं के सबसे ज्यादा समस्या है। उन्हें अक्सर खुले में जाना पड़ता है। कहने को तो स्टेशन पर स्वच्छता अभियान के पोस्टर लगाए गए हैं, लेकिन खुद रेलवे कर्मचारी इसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं। धूम्रपान तो यहां आम बात है।

प्लेटफार्म पर छलकते हैं जाम

प्लेटफार्म पर कूड़े अक्सर शराब और बीयर की खाली बोतलें मिलती हैं। शुक्रवार को भी ऐसा ही हुआ। कूड़ेदान में शराब की बोतलें मिली। नियमित रूप से सफर करने वाले यात्रियों ने बताया कि शाम के समय अक्सर यहां शराब पीने वाले लोग बैठे रहते हैं। एक साइड में बैंचों पर बैठकर वे जाम छलकाते हैं और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं होता।

साइकिल क्लब पहुंचा सुध लेने

रेलवे स्टेशन पर फैली असुविधाओं को जायजा लेने कैथल बाइसाइकिल क्लब के सदस्य पहुंचे। वहां फैली गंदगी को देखकर उन्होंने खुद प्लेटफार्म पर सफाई अभियान चलाया। इधर-उधर पड़े कचरे को उठाकर पॉलीथीन में डालकर डस्टबीन में फेंका। क्लब के सदस्य नवीन कुमार, सचिन धमीजा, पवन शर्मा, सुरेंद्र गोयल, हरिओम अरोड़ा, ओमप्रकाश सेन, संजीव कुमार, अशोक अरोड़ा, रमेश कुमार, राजू, टेक चंद, अशोक भारती, सचिन गर्ग ने बताया कि जब उन्होंने इस बारे में स्टेशन मास्टर से बातचीत की तो उनका रवैया सही नहीं था। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया।

वर्जन

रेलवे स्टेशन पर समस्याओं की शिकायत अक्सर आती रहती हैं। यहां दौरा करके दिक्कतों को दूर कराने के प्रयास किए जाएंगे। स्टेशन मास्टर और अधीक्षक की जिम्मेदारी बनती है कि सफाई, शौचालय और पेयजल की व्यवस्था सुचारू हो।

-मनदीप कौर, एसडीएम कैथल।


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