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हरियाणा में रह रहे पंजाबी वापस पंजाब आ जाएं

संवाद सहयोगी, गुहला-चीका: श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ध्यान ¨सह मंड व तख्त श्री

By Edited By: Published: Sat, 22 Oct 2016 01:26 AM (IST)Updated: Sat, 22 Oct 2016 01:26 AM (IST)
हरियाणा में रह रहे पंजाबी वापस पंजाब आ जाएं

संवाद सहयोगी, गुहला-चीका: श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ध्यान ¨सह मंड व तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार बाबा बलजीत ¨सह दादूवाल ने कहा कि जब भी देश व प्रदेश में खालसा पंथ अंगड़ाई लेता है तो सरकारें एक तरफ हो जाती हैं। दोनों जत्थेदार गुहला में 10 नवंबर को तलवंड़ी साबू में तख्त श्री दमदमा साहिब पर होने वाले शरबत खालसा के लिए निमंत्रण देने के लिए आए थे।

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उनके साथ शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के प्रधान सिमरनजीत ¨सह मान व हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जगदीश ¨सह झींडा भी थे। इससे पहले सिख नेताओं ने गुहला में एक रैली को संबोधित किया, जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खिलाफ हुई बयानबाजी का भी चर्चा हुआ।

सिख नेताओं ने कहा कि आरक्षण आंदोलन में हरियाणा में रह रहे ¨हदू पंजाबियों पर हमले हुए और उनके घर व दुकानों को जलाया गया। इससे महसूस होता है कि एक विशेष जाति के लोग पंजाबी ¨हदुओं को सहन नहीं कर रहे हैं। इन लोगों को पंजाबी मुख्यमंत्री रास नहीं आ रहा है। उन्होंने हरियाणा में रह रहे पंजाबी ¨हदुओं से अपील की वह वापस पंजाब में आ जाएं। मान ने कहा कि हरियाणा में एक विशेष जाति के लोगों के द्वारा दलित समाज के साथ भी अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है।

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धर्म बचाने आगे आएं ¨सह-कौर

जत्थेदार मंड व दादूवाल ने कहा कि जिन लोगों के पीछे ¨सह व कौर लगता है वह लोग श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को बचाने के लिए एक दिन का समय जरूर दें। उन्होंने कहा कि शरबत खालसा में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व यूपी के सिखों के मसलों का भी हल किया जाएगा। जत्थेदारों ने कहा कि शरबत खालसा एक ही झंडे के नीचे होगा। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर देश व विदेश में बैठे सिखों का मोह भंग हो चुका है, जिसकी जिम्मेदार पंजाब की बादल सरकार है।

87 बार हुई पंजाब में बेअदबी

जत्थेदारों ने कहा कि 10 नवंबर को होने वाले शरबत खालसा को लेकर नौजवान वर्ग पूरे उत्साह में है। उन्होंने कहा कि शरबत खालसा इसलिए बुलाया गया क्योंकि आज सिख धर्म खतरे में है। सभी सिख जत्थे बंदियों को अपने गिले शिकवे भुलाकर शरबत खालसा में शामिल होने की भी अपील की। जत्थेदारों ने कहा कि धार्मिक ग्रंथ सबके भले की बात करते है, जबकि आज धार्मिक ग्रंथ खुद खतरे में है। पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की 87 बार बेअदबी हो चुकी है, परंतु अपने आप में सिखों की हमदर्द कहलवाने वाली पंजाब की बादल सरकार श्री गुरु ग्रंथ साहिब के मसले में कुछ नहीं किया।

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कैसे मना रहे स्वर्ण जयंती

गुहला की सिख संगत को संबोधित करते हुए शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के अध्यक्ष सिमरनजीत ¨सह मान ने कहा कि जब हरियाणा व पंजाब अलग हुए थे तब भाजपा व आरएसएस वाले हरियाणा को अलग राज्य बनाने का विरोध करते थे। आज वे लोग स्वर्ण जयंती मनाने की बात कर रहे है। उन्होंने मांग की कि पंजाब व हरियाणा की दोबारा से बांट की जाए। मान ने कहा कि यूपी के 8 जिले, मेरठ व सहारनपुर समेत राजस्थान के कुछ इलाके हरियाणा को दिए जाए। इसके बाद हरियाणा में पानी की कोई कमी नहीं रहेगी। राजस्थान के भरतपुर जिले को भी हरियाणा में शामिल किया जाए तथा पंजाब के साथ लगते हरियाणा के कुछ जिले पंजाब को दे दिए जाने के बाद पंजाब में भी पानी की कोई कमी नहीं रहेगी।

मुस्तैद रहा पुलिस प्रशासन

गुहला में जत्थेदारों के आगमन को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरे कड़े प्रबंध किए हुए थे चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात किए गए थे। कार्यक्रम वाले स्थान पर सादी वर्दी में पुलिस के जवान व गुप्तचर विभाग के लोग घूम रहे थे।


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