चैत्र नवरात्र पर सज गए शहर के मंदिर
जागरण संवाददाता, कैथल : मंगलवार से नवरात्र पर्व की शुरुआत हो रही है। पर्व को लेकर माता क
जागरण संवाददाता, कैथल : मंगलवार से नवरात्र पर्व की शुरुआत हो रही है। पर्व को लेकर माता के दरबार भी सज गए हैं। मंदिर समिति व सेवादार तैयारी पूरी करने में जुटे हैं। वहीं बाजारों में भी पर्व की सामग्री को लेकर भक्त खरीदारी करने के लिए पहुंच रहे हैं। श्री बड़ी देवी माता मंदिर व श्री छोटी देवी माता मंदिर में विशेष तैयारी की जा रही है। इस बार श्री सनातन धर्म मंदिर में अष्टमी के दिन एक साथ 1100 कन्याओं का पूजन किया जाएगा। इससे पूर्व सभी नवरात्रों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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रोशनी से नहा रहे मंदिर
नवरात्र पर मंदिरों को लाइटों से पूरी तरह सजाया गया है। रात के समय मंदिर रोशनी से नहाते हुए नजर आएंगे। मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए मंदिर समितियों ने माता के दरबार तक जाने के लिए व्यवस्था बनाई है। इन नौ दिनों में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है। जिसमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धि रात्रि शामिल हैं।
श्री छोटी देवी माता मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर में निर्माण कार्य चला हुआ है। मंदिर में 52 फुट का गुंबद बनाया जा रहा है। नवरात्रों के समय शहर भर से हजारों की संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालु माथा टेकने के लिए आते हैं। मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। सुबह व शाम को नवरात्रों में 51 ज्योति से माता की आरती की जाएगी। इसी प्रकार श्री ग्यारह रूद्री मंदिर, हनुमान वाटिका, अंबेशकर मंदिर, सनातन धर्म मंदिर, गीता भवन मंदिर में नवरात्र को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही हैं।
अमावस में निकलेंगे सूर्य
पंडित रविदत्त शास्त्री ने बताया कि मंगलवार को सुबह 8:26 बजे तक अमावस्या है। उसके बाद 8:27 से लेकर 9:42 बजे तक घट स्थापना का शुभ मुहूर्त रहेगा। इस बार नवरात्रों में प्रतिपदा तिथि का क्षय है। नवरात्रों में देवी का आह्वान, स्थापना व पूजन सुबह के समय शुभ माना गया है। सुबह स्नान के बाद सफेद व शुद्ध वस्त्र धारण करके श्रद्धापूर्वक घट स्थापना करते हुए घड़े के ऊपर पांच पत्ते आम के नारियल के साथ रखे। घट के अंदर सुपारी, लौंग, इलायची, पंचामृत व एक सिक्का डालें। घट के नीचे जौं या गेहूं अवश्य रखे। श्रद्धापूर्वक देसी घी की जोत जला कर पूजन करने से मां भगवती सभी मनोकामना पूर्ण करती है।
500 साल से जल रही अखंड ज्योति
बड़ी देवी माता मंदिर में लगभग पांच सौ सालों से मां की अखंड ज्योति प्रज्वलित है। बाबा राजपुरी डेरे के गद्दीनशीन महंत राजेंद्र पुरी ने बताया कि मान्यता है कि मंदिर में आने वाले भक्त की सभी मुरादें पूरी होती हैं। इस मंदिर की स्थापना सिद्ध बाबा राजपुरी ने की थी। मंदिर में चौदस को भंडारे का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर में हजारों श्रद्धालु नवरात्र में माता के दर्शन करने के लिए आते हैं।
सजी शहर की दुकानें
नवरात्रों के पर्व पर शहर दुकानें माता की लाल बिरंगी चुनरियों से सज चुकी हैं। श्रद्धालु नवरात्रों की तैयारी के लिए सामग्री, चुनरी, सोलह श्रृंगार, बजना, नारियल खरीद कर रहे हैं। मेन बाजार, तलाई बाजार, रेलवे गेट बाजार, छात्रावास रोड सहित अन्य जगहों पर व्रत सामग्री से सजी दुकानों पर खरीदारी के लिए भक्त पहुंच रहे हैं। माता के नवरात्रों का सामान खरीद रही रेनू, पूजा व किरण ने बताया कि वे माता के सभी नवरात्र में व्रत रखती हैं। पर्व को लेकर काफी उत्साह है।
नवरात्रों की पूर्व संध्या
पर लगा भंडारा
संवाद सहयोगी, सीवन : नवरात्रों की पूर्व संध्या पर कैथल-पटियाला मार्ग पर भंडारे का आयोजन किया। पीर बाबा गाजीसलार कमेटी व नगर पंचायत गाजीसलार पटियाला मिलकर हर वर्ष भंडारा लगाया जाता है। गाजीसलार राजला के पूर्व सरपंच सतनाम ¨सह ने बताया कि कमेटी नवरात्रों के अवसर पर पर भंडारा लगाती है। इसके पश्चात कैथल में माता गेट पर जागरण व भंडारे का आयोजन करती है। कमेटी का लक्ष्य माता के दर्शन को आने वाले भक्तों की सेवा करना है। भंडारा तीन दिन तक चलेगा।