सड़क पर मिला दवाइयों का जखीरा
संवाद सहयोगी, पूंडरी: सिकंदर खेड़ी गांव के खेतों में सड़क किनारे सरकारी अस्पताल से मि
संवाद सहयोगी, पूंडरी:
सिकंदर खेड़ी गांव के खेतों में सड़क किनारे सरकारी अस्पताल से मिलने वाली दवाइयों का जखीरा मिला। किसी ग्रामीण ने खेतों के नजदीक काफी मात्रा में दवाइयां पड़े होने की सूचना मिली तो यह देख स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर खुफिया विभाग के कर्मचारी व पूंडरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.विकास भटनागर टीम के साथ मौके पर पहुंचे। टीम ने फेंकी गई सभी दवाइयों को कब्जे में लेते हुए जांच शुरू कर दी। इसके बाद डॉ. भटनागर ने टीम के साथ हाबड़ी व आस-पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा कर स्टाक की जांच की। दवाइयां कहां से आई हैं और किसने फेंकी है इस बारे में जांच की जा रही है।
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लोगों ने की जांच की मांग की
सड़क पर दवाइयां मिलने को लेकर लोगों ने रोष जताया। लोगों का कहना है कि अस्पताल में जब इलाज के लिए जाते हैं तो चिकित्सक तो पर्ची पर दवाई लिख देते हैं, लेकिन अस्पताल में
जो सस्ती दवाई होती है वे तो मिल जाती है, लेकिन महंगी दवाई नहीं मिलती। जवाब मिलता है ये दवाई बाहर से मिलेगी। इसी सप्ताह सोमवार को जब जिला उपायुक्त सुनीता वर्मा
ने अस्पताल का दौरा किया था तो उस समय भी बाहर से महंगी दवाई खरीदने को लेकर मरीजों ने शिकायत दी थी। दवाई सड़क पर मिलने को लेकर लोगों ने कहा कि अस्पताल में
दवाई नहीं मिलती और यहां सड़क पर दवाई डाली जा रही है। इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।
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नवंबर 2017 व सितंबर 2018 में एक्सापयर हो रही दवाईयां-
खेतों के नजदीक जो दवाइयों मिली है उनमें अधिकतर दवाइयां नवंबर 2017 व सितंबर 2018 में एक्सापयर हो रही है। इसलिए इतना साफ है कि सभी दवाइयां उपयोग में आने लायक थी। चिकित्सकों के अनुसार जो दवाइयां मौके पर मिली है, उनके बुखार, एसीडीटी, खांसी, दस्त, दर्द, सिरदर्द व अन्य बीमारियों की दवाइयां है, गोलियों के साथ मौके पर कुछ इंजेक्शन व पीने वाली दवाईयां भी मिली है।
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झोलाछाप चिकित्सक से
जुड़ा हो सकता मामला
मौके से मिली सभी दवाइयां एक पोलिथिन में बंद थी, जो कि गिरने से खुल गई। इसलिए अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि ये किसी झोलाछाप चिकित्सक की दवाइयां भी हो सकती है जो कि गांव में जाते हुए उससे गिर गई हो। लेकिन सवाल ये है कि प्राइवेट दवाइयों के साथ इतनी मात्रा में सरकारी दवाई आखिर वो कहां से ला रहा था।
मामले में जांच की जा रही :
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.विकास भटनागर ने बताया कि मामले की बारीकी से जांच कर रही है। सरकारी के साथ कुछ मात्रा में प्राइवेट दवाइयां भी मिली है। जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि ये दवाइयां किसने यहां गिराई और उसके पीछे उसका क्या मकसद था। उन्होंने बताया कि दवाइयां 2015 के बैच की है। इस समय आस-पास के किसी भी अस्पताल में इस बैच की दवाइयां नहीं है, दूसरा इन दवाइयों में कोई एंटीबायोटिक दवाई नहीं है, जो कि महंगी होती है। इसलिए प्रथम दृष्टया सरकारी दवाइयों को बेचने जैसे कोई चीज भी नहीं हो सकती।