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'मांगें जायज तो इसे लागू क्यों नहीं कराते'

जागरण संवाददाता, कैथल: अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति जिला कैथल द्वारा अपनी मांगों को

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Feb 2017 12:29 AM (IST)Updated: Mon, 27 Feb 2017 12:29 AM (IST)
'मांगें जायज तो इसे लागू क्यों नहीं कराते'
'मांगें जायज तो इसे लागू क्यों नहीं कराते'

जागरण संवाददाता, कैथल: अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति जिला कैथल द्वारा अपनी मांगों को लेकर गांव देवबन के कैंची चौक पर दिए जा रहे अनिश्चितकालीन धरने के 29वें दिन रविवार धरना स्थल पर काला दिवस मनाया गया। रविवार को धरने की अध्यक्षता अंग्रेजो देवी गांव तारागढ़ ने की।

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संघर्ष समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष बलवान कोटड़ा व जिला प्रधान प्रवीण किच्छाना ने कहा कि यदि सरकार के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु संघर्ष समिति की सभी मांगों को जायज समझते हैं तो वे इन मांगों को सरकार से लागू क्यों नहीं करवाते। इन मांगों को लागू करवाने में उन्हें क्या हिचकिचाहट है। क्या वे जाट समाज को गुमराह कर रहे हैं। यदि प्रदेश सरकार व उसके मंत्रियों की यही दोगली नीति रही तो सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

प्रेस प्रवक्ता भरत ¨सह बैनीवाल ने कहा कि प्रदेश भाजपा सरकार अपनी वादाखिलाफी और नाकामयाबी छिपाने के लिए प्रदेश भर में चल रहे शांति प्रिय धरनों का वातावरण खराब करना चाहती है। यदि सरकार अपनी इस प्रकार की नीतियों से बाज नहीं आई, तो प्रदेश का वातावरण खराब हो सकता है। जब तक सरकार द्वारा संघर्ष समिति की सभी मांगों को मान नहीं लिया जाता तब तक धरने जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि सांसद राजकुमार सैनी अपने आपको बाज कहते हैं। किच्छाना ने कहा कि वे बाज नहीं बाजा हैं, जो सरकार के बजाने पर बजता है।

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18 सरपंच, 55 पंच पहुंचे

संघर्ष समिति के प्रधान प्रवीण किच्छाना, बलवान कोटड़ा व संजय जागलान ने बताया कि धरने के दौरान जिला कैथल के दो जिला परिषद् के सदस्यों ने, 18 सरपंचों ने, 35 ब्लाक समिति के सदस्यों ने व 55 पंचों ने आरक्षण न्याय के पक्ष में अपना समर्थन पत्र संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को सौंपे हैं। इस मौके पर दलबीर गुहणा, अजमेर ¨सह ब्राह्मणी वाला, भीम ¨सह ब्राह्मणी वाला, जसमेर कैंरो देवबन, सीला देवबन, भानाराम देवबन, संदीप कैंरो देवबन, मा. अजमेर हरसौला, जोगी राम जाखौली, रतन चंदाना, सोनू बांगड़, रणबीर फौजी, जो¨गद्र कसान, ईश्वर कादियान, सुभाष मटौर, प्रेम मलिक जाखौली, बनी ¨सह संधू, दमयंती गुलियाना, अमरनाथ नरड़, ओमप्रकाश जुलानीखेड़ा, रामपाल खरकपांडवा व अनिल कमालपुर ने भी संबोधित किया।


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