ठेकेदारी प्रथा से हो रहा दलितों का शोषण: ईश्वर
संवाद सहयोगी, गुहला-चीका : राष्ट्रीय अनुसूचित जन जाति आयोग के सदस्य ईश्वर ¨सह ने कहा कि ठे
संवाद सहयोगी, गुहला-चीका : राष्ट्रीय अनुसूचित जन जाति आयोग के सदस्य ईश्वर ¨सह ने कहा कि ठेकेदारी प्रथा से दलितों का आर्थिक व शारीरिक दोनों प्रकार से शोषण होता है और शिकायत करने के बावजूद भी उनकी कहीं सुनवाई नहीं होती। ईश्वर ¨सह चीका स्थित निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ठेकेदारी केवल दलितों व गरीब लोगों पर ही क्यों लागू होती है। यदि ऐसा है तो फिर केंद्र व प्रदेशों की सरकारों को डीसी व एसपी पर भी ठेकेदारी प्रथा लागू करनी चाहिए। दूध का दूध व पानी का पानी अपने आप साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सैकड़ों की संख्या में दलित उनके पास आते हैं और अपना दुखड़ा सुनाते हुए साफ शब्दों में कहते हैं कि ठेकेदार वेतन देने के मामले में उनसे भेदभाव करते हैं और इस प्रकार उनका आर्थिक शोषण होता है तो दूसरी तरफ इसी प्रथा में जुड़े कई दबंग लोग डरा-धमका कर दलितों का शारीरिक शोषण भी करते हैं।
ईश्वर ¨सह ने कहा कि इसके लिए सीधे तौर पर डीसी जिम्मेवार होते हैं क्योंकि ठेकेदारी प्रथा उन्हीं के अधीन काम करती है। ¨सह ने कहा कि सरकारी वकील भी दलितों के केस अच्छे ढंग से नहीं लड़ते जिसके चलते दलितों के रेप, हत्या व अन्य उत्पीड़न से जुड़े हुए केसों में आरोपी आसानी से बरी हो जाते हैं। ईश्वर ¨सह ने कहा कि इससे दलितों को ठेस पहुंचती है और वे परिस्थितियों के चलते मानसिक रूप से भी शोषित हो जाते हैं। उन्होंने ठेकेदारी प्रथा पर तुरंत रोक लगाने का सुझाव भी दिया।
इस अवसर पर उनके साथ एडवोकेट रामचंद्र शर्मा, र¨वद्र कंसल, र¨वद्र कौर, ईर्श्वर जिन्दल, सोहन लाल व डाक्टर देस राज बंसल भी मौजूद थे।
चौकीदारों ने सौंपा ज्ञापन
अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर जिला जींद के करीब सौ चौकीदारों ने आयोग के सदस्य ईश्वर ¨सह से मुलाकात की। चौकीदारों ने लिखित रूप से एक ज्ञापन सौंप शिकायतों को दूर करने का आग्रह किया। जींद के एक म¨हद्र ¨सह चौकीदार ने बताया कि उसे छह महीने से वेतन नहीं मिल रहा है जिस पर ईश्वर ¨सह ने तत्काल संबंधित अधिकारी से बात की और उसे वेतन देने का आदेश दिया। ¨सह ने बताया कि चौकीदारों की सभी शिकायतों को जल्द ही दूर कर दिया जाएगा।