पार्षदों ने नप प्रधान के खिलाफ खोला मोर्चा
जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद की दो ही बैठक हुई हैं और विवाद कई खड़े हो गए। बी
जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद की दो ही बैठक हुई हैं और विवाद कई खड़े हो गए। बीते रोज हुई जनरल हाउस की मी¨टग के बाद तो तकरीबन आधा सदन मुखर हो गया। मंगलवार को 14 वार्डो के पार्षदों की ओर से लिखित शिकायत डीसी संजय जून के दरबार पहुंच गई, जिसमें अभी तक हुई दोनों बैठकों में हुई कार्यवाही को असंवैधानिक बताया गया है। डीसी ने ईओ नगर परिषद को कार्यवाही का रिकॉर्ड लेकर पेश होने के आदेश जारी कर दिए हैं। बुधवार को इसमें जांच की संभावना है।
नगर परिषद के उपप्रधान डॉ.पवन थरेजा, मोहन लाल शर्मा, सुनीता देवी, संजय भौरिया, बबीता मित्तल, निशा गर्ग, रेखा ¨सगला,नरेश कुमार, महेंद्रो देवी, वेदप्रकाश, हर¨जद्र ¨सह, वीरेंद्र सैनी उर्फ बिल्लू ने आरोप लगाया कि पांच दिसंबर को हुई मी¨टग में रखा गया सप्लीमेंटरी एजेंडा अवैध तरीके से दर्ज किया गया। प्रमुख एजेंडा के अधिकांश प्रस्तावों पर भी उन्होंने असहमति जताई थी। इसके बावजूद चेयरमैन और ईओ सभी प्रस्तावों को पारित बता रहे हैं। उनकी आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने अपनी मनमानी करते हुए गैरकानूनी तरीके से 10 सप्लीमेंटरी प्रस्ताव बिना हाउस की सहमति से पास कर दिए। उन्होंने नगर परिषद पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए डीसी से जांच की मांग की। साथ ही 14 पार्षदों की एक सूची भी सौंपी, जिसमें दो पार्षदों के हस्ताक्षर नहीं थे। बीते रोज 16 पार्षदों ने ईओ एमएस जगत को बैठक का विरोध करते हुए ज्ञापन दिया था।
इन पार्षदों ने किया था विरोध
वार्ड नंबर 18 से रेखा ¨सगला, नौ से बबीता मित्तल, चार से निशा रानी, आठ से राकेश सरदाना, 21 से नरेश मित्तल, 22 से ज्योति सैनी, पांच से संजय भौरिया, 28 से मोहन लाल शर्मा, 29 से बिल्लू सैनी, 17 से वेदप्रकाश, तीन से महेंद्रो देवी, 25 से पार्षद एवं नप के उपप्रधान डॉ.पवन थरेजा, 15 से सुनीता देवी, 11 से हर¨जद्र ¨सह, 10 से पूजा अग्रवाल और सात से रमा मित्तल ने बैठक के बाद कार्रवाई पर आपत्ति जताई थी।
नगर परिषद चेयरमैन यशपाल प्रजापति ने कहा कि कुछ पार्षद बैठक में विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए शहर के विकास में रोड़ा अटका रहे हैं। नगर परिषद की बैठक तीन घंटे तक चली। सभी लोगों ने बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया है। उन्होंने जो एजेंडे पास किए हैं वे पहले भी लिखकर गए थे। सभी पार्षदों को बोलने व अपने विचार रखने का समय दिया गया था। पारदर्शिता के लिए उन्होंने बैठक की वीडियोग्राफी भी शुरू करवाई थी, लेकिन कुछ पार्षदों ने विरोध किया तो वो बंद करवाई गई। शहर के आम आदमी को भी पता है कि कहां कहां क्या क्या काम चल रहा।
उपायुक्त संजय जून ने कहा कि कई पार्षदों ने नगर परिषद की जनरल हाउस की बैठक की कार्यवाही पर आपत्ति जताई। ईओ को पूरा रिकॉर्ड लेकर आने के लिए कहा गया है। जांच के बाद ही आरोपों के बारे में कुछ कहा जा सकेगा। फिलहाल तो यह एकतरफा बात है।