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परिचालकों ने की गुपचुप ढंग से बस किराये में वृद्धि

रणबीर धानियां,धनौरी: प्रदेश सरकार ने बसों में छुटटे पैसों की आड़ में टाफियां बेचने

By Edited By: Published: Tue, 30 Aug 2016 12:39 AM (IST)Updated: Tue, 30 Aug 2016 12:39 AM (IST)
परिचालकों ने की गुपचुप ढंग  से बस किराये में वृद्धि

रणबीर धानियां,धनौरी: प्रदेश सरकार ने बसों में छुटटे पैसों की आड़ में टाफियां बेचने पर क्या नकेल कसी परिचालकों ने यात्रियों को खुले आम चपत लगानी शुरू कर दी। परिवहन विभाग की हिदायत अनुसार कलायत से कैथल का किराया 22 रुपये 95 पैसे निर्धारित है, जबकि यात्रियों से सरेआम 25 रुपये वसूले जा रहे हैं। ऐसा भी नहीं कि सरकार ने पूर्व निर्धारित किराये में किसी तरह की वृद्धि का निर्णय लिया हो। बल्कि विभाग के कुछ परिचालकों ने चुपके से किराये में 2 रुपये 5 पैसे की बढ़ोतरी कर दी है।

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हैरानी का विषय यह है कि प्रतिदिन बड़े पैमाने पर हो रहे इस गोलमाल की भनक कैथल डिपो के महाप्रबंधक को भी नहीं लगी। जैसे ही यह मामला साक्ष्यों सहित शीर्ष अधिकारियों के पास पहुंचा तो वे हैरान रह गए। पड़ताल में जानकारी मिली कि जो 25 रुपये की टिकट कलायत से कैथल के बीच काटी जा रही हैं वे बसें कैथल डिपू की नहीं है।

टीआई नरेश कुमार ने बताया कि कैथल का टिकट कोड सी-15 है। महाप्रबंधक के दिशा निर्देश अनुसार अतिरिक्त किराया वसूलने वालों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। उन्होंने बताया कि कलायत से कैथल के बीच की दूरी 27 किलोमीटर है। 85 पैसा प्रति किलोमीटर के अनुसार किराया करीब 23 रुपये तय है। जिला कैथल डीपू के परिचालक व अन्य कर्मी हिदायतों की गंभीरता से पालन कर रहे हैं।

उधर इस मामले को लेकर यात्रियों और समाज सेवी संगठनों में गहरा रोष व्याप्त है। इनका कहना है कि जिस तरह हरियाणा राज्य परिवहन की बसों में किराये की आड़ में यात्रियों से अतिरिक्त वसूली करते हुए मोटा चूना लगाया जा रहा है वह बेहद गंभीर मामला है। इसकी सीधी मार मुख्य रूप से गरीब व मध्यम वर्ग की जेब पर पड़ रही है।

साक्ष्यों सहित तैयार करेंगे रिपोर्ट:

हरियाणा राज्य परिवहन विभाग कैथल जीएम रामकुमार ने बताया कि डीपू के अधिकारी व कर्मचारी यात्रियों के हितों को लेकर पूरी तरह सजग हैं। बसों में यात्रियों से निर्धारित से अधिक किराया वसूलना पूरी तरह गलत है। वे इस संदर्भ में शीर्ष अधिकारियों को साक्ष्यों सहित रिपोर्ट भेजेंगे।

टिकट असली या फर्जी:

हरियाणा राज्य परिवहन विभाग की कार्ययोजना अनुसार संपूर्ण जिलों को टिकट कोड दिया गया है। टिकट के अनुसार ही राशि का मिलान होता है। जब कैथल से कलायत के बीच का किराया 23 रुपये निर्धारित है तो 25 रुपये की टिकट कैसे तैयार की गई। इन पहलुओं के मद्देनजर मामले के तार कई और जुड़े होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।


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