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सिविल अस्पताल में होंगे चिकनगुनिया के टेस्ट

जागरण संवाददाता, कैथल : चिकनगुनिया का टेस्ट करवाने के लिए अब मरीजों को पीजीआई चंडीगढ

By Edited By: Published: Fri, 30 Sep 2016 12:59 AM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2016 12:59 AM (IST)
सिविल अस्पताल में होंगे  चिकनगुनिया के टेस्ट

जागरण संवाददाता, कैथल : चिकनगुनिया का टेस्ट करवाने के लिए अब मरीजों को पीजीआई चंडीगढ या दूसरे जिलों में जाने की जरूरत नहीं है। कैथल के सिविल अस्पताल में ही मरीजों को यह सुविधा मिल सकेगी। टेस्ट रिपोर्ट में चिकनगुनिया की पुष्टि होने के बाद मरीजों को इलाज की भी बेहतर सुविधा अस्पताल में दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के साथ चिकनगुनिया का भी वार्ड अस्पताल में बनाया हुआ है।

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दस्तक दे चुका चिकनगुनिया

कैथल जिले में इस बार डेंगू व मलेरिया के साथ चिकनगुनिया ने भी दस्तक दी है। शेरूखेड़ी गांव में चिकनगुनिया के दो केस सामने आ चुके हैं। पटियाला के राजेंद्रा अस्पताल ने इसकी पुष्टि की थी। विभाग ने इसके बाद गांव का दौरा कर लोगों के रक्त के नमूने लेने के साथ गांव में फॉ¨गग करवाई थी। हालांकि गांव में कोई और अन्य केस सामने नहीं आया था। लेकिन विभाग ने चिकनगुनिया को लेकर अलर्ट हो गया है। जीनोमिक टेस्ट की सुविधा अब अस्पताल में मिल सकेगी। टेस्ट निशुल्क होगा।

चिकनगुनिया के लक्षण

-दो-तीन दिन तक बुखार रहना

-जोड़ों में दर्द और सूजन पड़ जाना

-ठंड और कंपकपी के साथ तेज बुखार चढ़ना

-त्वचा का खुश्क पड़ना

-सिर दर्द होना, उल्टी होना

-आँखों मे दर्द होना, नींद ना आना

-भूख कम लगना व जी मिचलाने

-हाथों एवं पैरों पे चकते पड़ना

ये बरते सावधानी

-ज्यादा से ज्यादा गुनगुना पानी का सेवन करें

-दूध- दही या अन्य चीजों का सेवन करें।

-मरीज को नीम के पत्तों का रस निकालकर दें।

-मरीज के कपड़ों एवं बिस्तर की साफ-सफाई पर ध्यान दें।

-पपीता व करेला अधिक से अधिक खाएं।

-घर के अंदर और आस-पास हमेशा सफाई रखें।

-आसपास जगह में पानी जमा न होने दें।

-घरों में कूलर को समय पर साफ करें।

-सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।

वर्जन

पहली बार चिकनगुनिया ने कैथल में दस्तक दी है। विभाग अलर्ट है। मरीजों को टेस्ट की सुविधा सिविल अस्पताल में ही मिलेगी। इसके लिए पीजीआई या दूसरे जिलों के अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा। टेस्ट के साथ इलाज भी प्राथमिकता से किया जाएगा। इसके साथ विभाग द्वारा गांव में पंचायत व आंगनबाड़ी वर्करों के माध्यम से भी लोगों का डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया को लेकर जागरूक किया जा रहा है।

- डा. देवेंद्र ¨सह, एसएमओ एवं मलेरिया विभाग इंचार्ज कैथल।

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आयुर्वेद में चिकनगुनिया का इलाज

जिला आयुर्वेद विभाग के डॉ.जितेंद्र गिल ने कहा कि रोग इतने जानलेवा नहीं है जितना इनके बारे में हौआ बनाया गया है। डेंगू के दो तीन प्रतिशत केस ही गंभीर होते हैं, जिनमें मरीज को अंदर की तरफ रक्त बहने लग जाए। अगर किसी को डेंगू है तो पपीते का रस, गेहूं का ज्वारा, अनार का जूस, गिलोय के रस का सेवन करें। इससे प्लेटलेट्स कम नहीं होगी। चिकनगुनिया होने पर गिलोय, हल्दी, अदरक, तुलसी, शहद व गाजर का जूस पिए बिल्कुल ठीक हो जाएंगे। इन चीजों का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और मरीज ठीक हो जाएगा।


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