बाजरा की आवक बंपर, खरीद से हाथ खींच रही सरकार
संवाद सहयोगी, कलायत: कलायत अनाज मंडी में बाजरे की बंपर आवक हो रही है, लेकिन सरकारी
संवाद सहयोगी, कलायत: कलायत अनाज मंडी में बाजरे की बंपर आवक हो रही है, लेकिन सरकारी खरीद एजेंसी इससे दूरी बनाए है। इसके चलते निजी खरीद एजेंसियों की पौ-बारह है। निजी एजेंसियां मनमर्जी से बाजरा खरीद रही है। सरकारी अधिकारियों द्वारा सुध न लिए जाने के कारण मेहनतकश वर्ग फसल को औने-पौने भाव पर बेचने को विवश है।
मोटी धान जहां सरकार द्वारा निर्धारित किए मानदंडों पर सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदी जा रही है वहीं कपास व बारीक धान के साथ बाजरा निजी तौर पर व्यापारियों द्वारा खुली बोली लगाकर खरीदने का कार्य किया जा रहा है। हालांकि बाजरा सरकारी तौर पर खरीदने की जिम्मेवारी हैफेड को सौंपी हुई है।
मंडी में आने वाले बाजरा का एक भी दाना सरकारी खरीद एजेंसी द्वारा नहीं खरीदा जा सका। प्रबंधक जगदीश धतरवाल का कहना है कि सरकारी खरीद एजेंसी बाजरा खरीदने के लिए तैयार है बशर्ते की किसान द्वारा उन शर्तो को पूरा किया जाए। तय मानदंडों के अनुसार जो किसान मंडी में बाजरा लेकर आता है उसे बिजाई किए गए बाजरे की फर्द जहां पटवारी से प्रमाणित करवानी अनिवार्य है।
वहीं प्रति एकड़ 8 ¨क्वटल बाजरा की पैदावार मान उसमें से आधा यानी 4 ¨क्वटल बाजरा ही एजेंसी द्वारा 1330 रुपये प्रति ¨क्वटल खरीदा जाएगा। सरकार द्वारा लागू की गई शर्ते किसानों के रास न आने के कारण किसानों द्वारा सरकारी खरीद की इंतजार ही नहीं की जा रही। इसके चलते बाजरा की खरीद व्यापारियों द्वारा खुली बोली लगाकर की जा रही है। किसानों का कहना है कि यदि सरकार द्वारा पूरी फसल खरीदी जाती तब तो पटवारी आदि के चक्कर में पड़ने का प्रयास किया जाता।
जब कागजात तैयार करवाने के बाद भी आधी ही फसल सरकारी खरीद एजेंसी द्वारा खरीदी जानी है तो फिर इससे अच्छा व्यापारियों को ही फसल बेच दी जाए तो वह अच्छा है ताकि उन्हें एकमुश्त फसल के दाम तो मिल जाएंगे। गत वर्ष की तुलना में इस बार मंडी में बाजरा की आवक कई गुणा अधिक हो चुकी है तथा बाजरा अब भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवाए हुए है।
वर्जन हैफेड करेगी खरीदारी
मार्केट कमेटी सचिव सविता चौधरी ने बताया कि गत वर्ष जहां मंडी में केवल 1300 ¨क्वटल बाजरा ही किसानों द्वारा बिक्री के लिए लाया गया था, वहीं इस वर्ष इसकी आवक 10717 ¨क्वटल हो चुकी है। खरीद का कार्य हैफेड को सौंपा गया है। संबंधित विभाग सरकारी नियमों के अनुरूप बाजरा खरीद कर सकता है।