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हम अधिकारों के प्रति तो जागरूक, लेकिन कर्तव्यों के प्रति नहीं : सुमेदानंद

संवाद सहयोगी, पूंडरी : आर्य समाज के तीन दिवसीय 117वां वार्षिकोत्सव के अंतिम दिन डीएवी कॉलेज स

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 11:17 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 11:17 PM (IST)
हम अधिकारों के प्रति तो जागरूक, लेकिन कर्तव्यों के प्रति नहीं : सुमेदानंद
हम अधिकारों के प्रति तो जागरूक, लेकिन कर्तव्यों के प्रति नहीं : सुमेदानंद

संवाद सहयोगी, पूंडरी : आर्य समाज के तीन दिवसीय 117वां वार्षिकोत्सव के अंतिम दिन डीएवी कॉलेज सभागार में युवा चेतना सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि सीकर राजस्थान से सांसद स्वामी सुमेदानंद और बलेश्वरानंद ने शिरकत की। विशेष अतिथि के रूप में रेलवे वित्त निगम के पूर्व निदेशक दीवान चंद आर्य व विशिष्ट अतिथि के रूप में डीएवी मैने¨जग कमेटी दिल्ली के सचिव सतपाल आर्य ने भाग लिया। सुमेदानंद ने कहा कि आर्य समाज ने देश के सोए हुए अस्तित्व को जागृत करने का काम किया और महर्षि दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना कर देश के युवाओं को एक नई राह दिखाई। उन्होंने कहा कि आज देश जिस दौर से गुजर रहा है उसमें मैथिलीशरण गुप्त की पंक्तियां सही लगती हैं कि हम क्या थे और क्या हो गए और होंगे अभी आओ मिल बैठ विचारे ये समस्याएं अभी।

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उन्होंने कहा कि आज हम अपने अधिकारों के प्रति तो जागरूक है, लेकिन अपने कर्तव्यों के प्रति नहीं। उन्होंने देश के युवाओं को राम प्रसाद बिस्मिल की आत्मकथा पढ़ने की नसीहत देते हुए कहा कि बिस्मिल ने अपनी आत्म कथा में जो सबसे अधिक प्रेरणादायक बात कही वो थी कि मैं अपने देश के नौजवानों को ये तो नहीं कहूंगा कि वो हमारे पथ पर चलकर फांसी के फंदे को चूमे लेकिन वो गांवों में जाकर गरीब किसान और मजदूरों को शिक्षित व संस्कारित करें, क्यों कि शिक्षित व्यक्ति का कभी शोषण नहीं होता और संस्कारित व्यक्ति का पतन नहीं होता। उन्होंने कहा कि आज युवाओं को अपनी संस्कृति से जोड़ने की जरूरत है। हमारे देश का युवा पिछड़ता जा रहा है बात यदि खेलों की करें तो विश्व में दूसरे नंबर की आबादी और सबसे अधिक युवाओं वाला देश भारत जिसे खेलों में एक आध पदक पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। वहीं बैल्जियम और कोरिया जैसे छोटे-छोटे देश पदकों की झोलियां भर ले जाते है। शिक्षा व अन्य क्षेत्रों में भी कमोबेश यहीं स्थिति है। आज हम हंसने में भी पिछड़ चुके है, हमारे देश का युवा अपना सारा समय मोबाइल पर बिताता है। उन्होंने कहा कि आज स्वामी दयानंद के सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाने की जरूरत है। सम्मेलन को स्वामी बलेश्वरानंद सरस्वती एवं सतपाल आर्य ने भी संबोधित किया। पदाधिकारियों ने मुख्यातिथि, कार्यक्रम अध्यक्ष व अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर आर्य समाज के प्रधान जयपाल सैनी, मंत्री अनिल आर्य, भाजपा जिलाध्यक्ष सुभाष हजवाना, डॉ. देवेंद्र सैनी, डॉ. सुभाष बंसल, डॉ. सतीश त्यागी, डॉ. पुष्पा त्यागी, अजीत ¨सह, पवन गोयल, जयकरण बरसाना, धनपत बरसाना, राजपाल ¨सह बहादुर, संदीप आर्य, रूपेंद्र वालिया व मंत्री अनिल आर्य मौजूद रहे।


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