डीसी दरबार पहुंचे नप के खफा पार्षद
जागरण संवाददाता, कैथल: नगर परिषद के चेयरमैन और खफा पार्षदों के बीच चल रहे गतिरोध के म
जागरण संवाददाता, कैथल: नगर परिषद के चेयरमैन और खफा पार्षदों के बीच चल रहे गतिरोध के मामले में सोमवार को फिर दोनों पक्ष इकट्ठा हुए। चेयरमैन यशपाल प्रजापति ने एक बार फिर रूठों को मनाने का प्रयास किया। भविष्य में वह गलतियां या कमियां नहीं दोहराने का आश्वासन दिया, जिनके विरोध में पार्षदों को धरने पर बैठना पड़ा। बैठक के बाद असंतुष्ट पार्षद सीधे लघु सचिवालय पहुंचे। वे अब तीन मई को हुई नगर परिषद आम सभा की बैठक की कार्यवाही को रद कराने पर तुले हैं। चूंकि चेयरमैन यशपाल प्रजापति ने इस कार्यवाही को रद करने में असमर्थता जाहिर की, जिसके चलते उन्होंने डीसी संजय जून से मुलाकात की। डीसी ने आश्वासन दिया कि इस मामले में कानूनी राय लेने के बाद अग्रिम कार्यवाही करेंगे।
सोमवार को पार्षद मोहन लाल शर्मा, नप के उपप्रधान डॉ.पवन थरेजा, संजय भौरिया, मास्टर विरेंद्र बिल्लू, हर¨जद्र ¨सह, केसर ¨सह नप कार्यालय में पहुंचे। यहां चेयरमैन यशपाल प्रजापति और अन्य कई पार्षदों के साथ बैठक हुई। प्रजापति ने उन्हें आश्वासन दिया कि भविष्य में ग्रांट के आवंटन में सभी वार्डों को बराबर तवज्जो दी जाएगी। अब तक जो कमी पेशी रही है उसे जल्दी ही पूरा किया जाएगा। यशपाल ने कहा कि यह सारा विवाद मुख्यमंत्री की पांच करोड़ रुपये की ग्रांट को लेकर था। उन्होंने कहा कि बैठक की कार्यवाही को रद करना उनके हाथ में नहीं है। अगर कोई कमी निकलती है उसमें सुधार हम सब के हक में होगा और निश्चित तौर पर सुधार करेंगे।
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यह थे आरोप
धरना देने वाले पार्षदों के आरोप थे कि पिछले एक वर्ष में जो विकास कार्य करवाए जा रहे हैं, उनमें आधे से ज्यादा वार्डों में भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया गया है। सीएम की पांच करोड़ रुपये की ग्रांट केवल चु¨नदा वार्डों में ही लगाई गई और बाकि वार्ड खाली रखे गए। इनमें स्ट्रीट लाइट और सफाई व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। तीन मई को हुई बैठक की पूर्ण रूप से असंवैधानिक और गैर-कानूनी थी। इसमें न ईओ ही मौजूद थे और न ही सचिव, जबकि एक्ट के मुताबिक इनका आम सभा में होना अनिवार्य होता है।
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फैसले का इंतजार
नप उप प्रधान डॉ.पवन थरेजा और पार्षद मोहन लाल शर्मा ने कहा कि उन्हें तीन मई की बैठक के संदर्भ में अब डीसी के फैसले का इंतजार है। यदि बैठक की कार्यवाही को रद किया जाता है तो ठीक, अन्यथा वे लघु सचिवालय में धरना शुरू करेंगे।
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पार्षद मिले थे। इस मामले में कानूनी राय मांगी गई है। अभी तक राय नहीं आई है। इसके बाद ही आगे कोई फैसला लिया जा सकेगा।
- संजय जून, डीसी कैथल।