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नई तकनीक अपनाकर हो सकता है पानी की बचत

By Edited By: Published: Mon, 26 Mar 2012 06:45 PM (IST)Updated: Mon, 26 Mar 2012 06:45 PM (IST)
नई तकनीक अपनाकर हो
सकता है पानी की बचत

दयानंद तनेजा, सीवन :

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भूजल का निरतर दोहन होने से भूमिगत जल का स्तर प्रतिवर्ष काफी नीचे जा रहा है। पहले साढ़े सात से दस हार्स पावर मोटर से किसान का काम चल जाता था, लेकिन अब 25 से 35 हार्स पावर की मोटर ही पानी निकाल पा रही है। दस साल पहले एक नलकूप पर जितना खर्च आता था, भूमिगत जल स्तर नीचे जाने के कारण आज नलकूप दस गुना अधिक खर्च करके लगाया जा रहा है।

अगर यही हालात रहे तो भावी पीढि़यों के लिए जल संकट पैदा हो सकता है। कृषि खर्च में कमी लाने तथा भूमिगत जल स्तर को नीचे जाने से रोकने के लिए इजराइल की तर्ज पर नई तकनीक अपनाकर पानी की बचत के साथ फसल की पैदावार में भी बढ़ोतरी सम्भव है।

उक्त शब्द गाव फर्श माजरा में हल्दी उत्पादक प्रदूमन सिंह के फार्म हाऊस पर टपका विधि सिस्टम के अवलोकन के उपरात कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. रमेश वर्मा ने कहे। उन्होंने कहा कि इस विधि के द्वारा जहा 94 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है, वहीं फसल को कोहरे आदि की मार से भी बचाया जा सकता है। जिन किसानों ने टपका विधि लगाई हुई है, उन्हे इसके लाभ के बारे में अच्छी ज्ञान है।

जिला बागवानी अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि प्रदुमन सिंह ने 25 एकड़ हल्दी में टपका विधि लगाई हुई थी। बागवानी विभाग जितनी हल्दी के उत्पादन का दावा करता था, उससे बहुत अधिक लगभग 250 क्विंटल प्रति एकड़ का उत्पादन हुआ है। ऐसा अच्छी किस्म के बीज व टपका विधि के कारण ही सम्भव हो सका है।

डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से टपका विधि पर 90 प्रतिशत तथा भूमिगत पाइप लाइन बिछवाने पर पचास प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। भूमिगत पाइप बिछाने पर 40 प्रतिशत तक पानी की बचत की जा सकती है। किसान सरकार की इस योजना का लाभ उठायें।

किसान प्रदुमन सिंह ने फार्म पर आए कृषि अधिकारियों व बागवानी अधिकारियों का धन्यवाद किया व अपना अनुभव बताते हुए कहा कि हल्दी लगाने वाले किसान टपका विधि संयंत्र लगाएं तो वह अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है। उन्नतिशील किसान क्लब सीवन के सचिव लक्ष्मी आनन्द ने बताया कि उसने बंद गोभी, फूल गोभी व मटर की खेती टपका विधि से की है। पानी की बचत के साथ उत्पादन में बढ़ोतरी व गुणवत्ता की फसल होने के कारण उसे मंडी में भाव भी अच्छे मिले हैं।

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