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कला उत्सव प्रतियोगिता का समापन

जागरण संवाददाता, कैथल राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाखौली अड्डा में चल रही पांच दिवसीय आव

By Edited By: Published: Fri, 09 Oct 2015 07:58 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2015 07:58 PM (IST)
कला उत्सव प्रतियोगिता का समापन

जागरण संवाददाता, कैथल

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राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जाखौली अड्डा में चल रही पांच दिवसीय आवासीय कला प्रदर्शनी का शुक्रवार को समापन हो गया। हरियाणा एक खोज और कला उत्सव के तहत करवाई गई इस प्रतियोगिता में उपायुक्त केएम पांडुरंग ने मुख्यअतिथि के रुप में शिरकत की। प्रतियोगिता में जिले भर के स्कूलों से 121 बच्चों ने भाग लिया। विजेता रहने वाले बच्चे राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे। पांच दिवसीय प्रतियोगिता व कार्यशाला में मशहूर कलाकारों ने विद्यार्थियों को संगीत, नृत्य, ड्रामा व क्ले मॉडलिंग सिखाई। जिसकी प्रतियोगिता के अंतिम दिन प्रस्तुति दी गई। इस दौरान विद्यार्थियों ने क्ले मॉडलिंग से शानदार मॉडल तैयार किये। कन्या भ्रूण हत्या, अनपढ़ता, एड्स आदि पर तैयार की गई लघु नाटिकाओं ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया। नृत्य व गायन में भी विद्यार्थियों ने ऐसा समां बांधा की अधिकारी अपनी जगह से हील नही पाए। कार्यक्रम के अंत में अपने संबोधन में मुख्यअतिथि उपायुक्त केएम पांडुरंग ने कहा कि वे तो बस 15 मिनट के लिए कार्यक्रम में आए थे। लेकिन बच्चों की प्रतिभा से इतना प्रभावित हुआ कि समय का पता ही नहीं चला। उन्होंने कहा कि इन बच्चों में प्रतिभा का भंडार है। बच्चे गरीब घरों से व सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले है, लेकिन इनकी असाधारण प्रतिभा छुपी है। इस दौरान एसडीएम आरके सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. अशोक कुमार, जिला उप शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह सिरोही, सर्व शिक्षा अभियान के संयोजक बलजीत सिंह, प्रिंसिपल शशि गुलाटी व कार्यक्रम के संयोजक सुरेश गुलशन भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम लेट हुआ तो कंपनी के कलाकारों ने कहा हमारा बैनर उतारो-

कार्यक्रम का समापन दोपहर 12:30 होना था। लेकिन किसी कारण से कार्यक्रम में देरी हो गई और समापन तय समय पर नही हो पाया। इससे बच्चों को प्रशिक्षित करने आए कुछ कलाकार बिफर गए और कार्यक्रम के बीच में ही हरियाणा एक खोज और कला उत्सव का बैनर उतारने की बात कहने लगे। क्योंकि कार्यक्रम में बच्चों को प्रशिक्षित करने का ठेका सरकार ने एक कंपनी को दिया हुआ है और कंपनी ने ही अपने कलाकार भेजे थे। इसलिए प्रशिक्षिकों का कहना था कि बैनर पर भी उनका ही हक है, वे जा रहे है तो उनकी अनुपस्थित में बैनर नही लगाया जा सकता। वहां मौजूद कर्मचारियों ने कहा कि सिर्फ कुछ प्रस्तुति बची है और मुख्य अतिथि के सामने इस प्रकार बैनर उतारना शोभा नही देता। लेकिन प्रशिक्षक मानने को तैयार नही हुआ। आखिरकार दोनो तरफ से काफी खिंचातानी हुई। दोनो पक्षों को किसी तरह समझाबुझाकर कार्यक्रम संपन्न करवाया गया।


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