वन समिति ने पर्यावरण संरक्षण का उठाया बीड़ा
संवाद सहयोगी, कलायत : देव भूमि कलायत क्षेत्र में अब पग-पग पर तरुवर की ठडी छाया नसीब होगी। इसके साथ ह
संवाद सहयोगी, कलायत : देव भूमि कलायत क्षेत्र में अब पग-पग पर तरुवर की ठडी छाया नसीब होगी। इसके साथ ही जड़ी-बूटी, फल और दूसरी प्रजाति के वृक्ष और पौधे भी इलाके की शान में चार चाद लगाएंगे। राज्य के वन विभाग ने सरकारी विभागों, सार्वजनिक स्थानों, धार्मिक स्थलों और मुसाफिरों की सुविधा के लिए कार्ययोजना के तहत हजारों विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाने का निर्णय लिया है।
वन समिति के चेयरमैन जयदीप राणा की रहनुमाई में संपूर्ण इलाके में पौधा रोपण का महा अभियान चलाया गया है। इसके पहले चरण में करीब 20 हजार पौधे रोपित किए गए है। इनकी समुचित देखरेख के लिए संबंधित क्षेत्र के लोगों को क्षमता अनुसार पौधे गोद दिए गए है। ये इनकी न केवल घर के आगन की तरह संभाल कर रहे है बल्कि पर्यावरण के प्रति जन जागरूकता की अलख जगाए है।
जयदीप राणा ने कहा कि वनराजिक अधिकारी अनिल श्योराण, उपवन राजिक अधिकारी शीशपाल राणा और अनिल ढाडा ने संपूर्ण क्षेत्र का सर्वेक्षण कर वन समिति को पौधरोपण बारे खाका सौंपा था। अल्प समयावधि में न केवल पौधारोपण के लक्ष्य को हासिल किया गया बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि एक-एक पौधा छतनार वृक्ष बनकर पर्यावरण शुद्धता की छटा बिखेरे।
हरियाणा के गौरवशाली इतिहास में वनों का वर्णन मुख्य रूप से आता है। आदिकाल से ऋषि-मुनि लोगों को पौधरोपण का पाठ पढ़ाते आए है। उन्हीं के कुशल मार्ग दर्शन का ही परिणाम रहा कि हरि के प्रदेश को हरी-भरी हरियाली धरा के नाम से जाना जाता है। इस पहचान को कायम रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण जरूरी है। जब वृक्ष ही नहीं होंगे तो राज्य की शान कैसे कायम रहेगी।
जन-जन की आहुति जरूरी :
वन समिति के सदस्य डा.सुरेश जगदेवा, बलिंद्र चौहान, पार्षद दीपा, एनआरआई प्रदीप राणा और पर्यावरण बचाओ धरा बचाओ मुहिम के संवाहक लोगों ने कहा कि जयदीप राणा के नेतृत्व में पर्यावरण को समर्पित जो कार्यक्रम चलाया गया है वह नई सुबह का प्रतीक है। इसलिए नए भारत के उत्थान के अभियान में हर किसी की आहुति जरूरी है।